पीएलएफआइ के नाम पर पोस्टरबाजी मामले में खूंटी में छापेमारी, नहीं मिली कोई सफलता
तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हरदाग चौक स्थित लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र प्रधान के बंद पड़े वाटर प्यूरीफायर प्लांट के गेट पर पीएलएफआइ के नाम पर पोस्टरबाजी मामले में पुलिस ने पूरी रात खूंटी के अलग अलग इलाकों में छापेमारी की। हालांकि पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
रांची/तुपुदाना(जासं) । तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हरदाग चौक स्थित लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र प्रधान के बंद पड़े वाटर प्यूरीफायर प्लांट के गेट पर पीएलएफआइ के नाम पर पोस्टरबाजी मामले में पुलिस ने पूरी रात खूंटी के अलग अलग इलाकों में छापेमारी की। हालांकि पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस पोस्टरबाजी करने वालों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।
फैक्ट्री में चार माह बाद फिर पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई है। इस बार फिर दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई है। कहा गया है कि तुम्हें संगठन की ओर से कई बार फरमान जारी कर दो करोड़ रुपये देने के लिए कहा गया। तुमने इस पर ध्यान नहीं दिया। तुमने पुलिस को खबर की। देखता हूं पुलिस कितने दिन तुम्हें बचाती है। अब संगठन की ओर से तुम्हें मौत का फरमान सुनाया गया है। संगठन फौजी कार्रवाई करेगा। इस पोस्टर में भी निवेदक के रूप में विशाल का नाम लिखा गया है। इस पोस्टरबाजी के बाद विरेंद्र प्रधान दहशत में आ गए। उन्होंने इसकी सूचना तुपुदाना ओपी पुलिस को दी। तुपुदाना थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की। पोस्टर जब्त कर लिया। मामले में विरेंद्र प्रधान के आवेदन पर एफआइआर दर्ज कराई गई है।
पिछले बार भी पोस्टर में दी गई थी धमकी :
बीते 20 अगस्त को भी विरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी गई थी। उस समय भी पोस्टरबाजी की गई थी। पोस्टर में लिखा हुआ था, वीरेंद्र प्रधान एक जान दो, नहीं तो दो करोड़ रुपये की लेवी दो। इससे पहले भी एक करोड़ रुपये मांगा गया था, लेकिन तुमने नहीं दिया था और पुलिस को खबर कर दी थी। इस मामले में तुम्हें माफ कर दिया गया था। लेकिन इस बार नहीं बख्शा जाएगा। तुम पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को खबर की तो अंजाम बुरा होगा। निवेदक के रूप में विशाल,जोनल कमांडर पीएलएफआइ लिखा हुआ था। प्लांट में रहने वाले सुनील कुमार ने पोस्टर देखा तो तुपुदाना पुलिस को सूचना दी थी। सूचना पर तुपुदाना पुलिस मौके पर पहुंचकर पानी से भीगा हुआ पोस्टर को उखाड़कर जब्त कर लिया गया था। पोस्टरबाजी किए जाने से क्षेत्र के लोगों में दहशत फैल गया। बताया जा रहा है कि विरेंद्र प्रधान लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
दहशत में है हरदाग क्षेत्र के लोग
पोस्टरबाजी की घटना की खबर आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई। लोग हरदाग चौक में जमा होकर तरह-तरह की बात करने लगे। पूर्व में भी क्षेत्र पीएलएफआइ के उग्रवादियों के चंगुल में था। शाम में ही पूरे दुकानें बंद हो जाती थीं। लेकिन पूर्व थाना प्रभारी एवं पुलिस कर्मियों के द्वारा गस्ती करते रहने के कारण लोग आश्वस्त हुए और उग्रवादियों का पांव क्षेत्र से उखड़ने लगा था। हजाम के क्रशर एवं खदानों में पोस्टरबाजी के बाद रांची खूंटी सीमा पर स्थित हरदाग में पोस्टरबाजी की घटना से लोग दहशत में है। वास्तु विहार में रहने वाले हजारों लोग भी दहशत में आ गए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में पुलिस की गश्त अब नहीं के बराबर है। जिससे खूंटी क्षेत्र के उग्रवादी इधर अपना ठिकाना बना लिए हैं।
पांच साल के भीतर तीसरी बार साटा गया पोस्टर :
पांच साल के भीतर तीसरी बार पोस्टरबाजी की गई है। छह जनवरी 2015 में भी पोस्टर बाजी की घटना हुई थी। प्लांट संचालक बिरेंद्र प्रधान से 1 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। 2015 में पोस्टर साटने की घटना बीतने के दो दिन बाद फोन कर रुपये की मांग की गई थी। हालांकि मामले की सूचना मिलने के बाद तुपुदाना पुलिस कार्रवाई करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। पुलिस लोकेशन के आधार पर खूंटी में पीएलएफआइ के उग्रवादी लाका पाहन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दूसरी बार 20 अगस्त को पोस्टरबाजी कर रंगदारी मांगी गई। तीसरी बार फिर चार दिसंबर को पोस्टरबाजी की गई।
तुपुदाना बनता जा रहा है उग्रवादियों का ठिकाना
रांची का तुपुदाना इलाका पीएलएफआइ उग्रवादियों का ठिकाना बनता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से इस इलाके में उग्रवादी सक्रिए हो गए हैं। पोस्टरबाजी, आगजनी से लेकर जमीन कारोबारियों की हत्या की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने तुपुदाना इलाके के क्रशर व्यापारियों, कारोबारियों, जमीन कारोबारियों और बालू व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए लेवी वसूली करती हैं। बताया जा रहा है कि उग्रवादी द्वारा क्रशर व्यवसायियों से पांच से 10 हजार रुपये प्रतिमाह, बड़े व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों से 20 हजार से 50 हजार रुपये तक की लेवी की वसूली की जाती है। हालांकि कुछ उग्रवादियों को पुलिस ने इस इलाके से पकड़ा भी है। मगर ज्यादातर मामलों में अब तक पुलिस को सफलता नहीं मिल पायी है।