Coronavirus Plasma Therapy: डोनेट कीजिए अपना प्‍लाज्‍मा, कोरोना संक्रमितों की बचाइए जिंदगी

Plasma Therapy in COVID 19 रिम्स ने 422 कोरोना से ठीक हुए लोगों की सूची बनाई है। प्लाज्मा डोनेशन के लिए काउंसलिंग कर रहे हैं। अब गाइडलाइन में बदलाव कर मापदंड 14 दिन किया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:21 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 08:03 AM (IST)
Coronavirus Plasma Therapy: डोनेट कीजिए अपना प्‍लाज्‍मा, कोरोना संक्रमितों की बचाइए जिंदगी
Coronavirus Plasma Therapy: डोनेट कीजिए अपना प्‍लाज्‍मा, कोरोना संक्रमितों की बचाइए जिंदगी

रांची, जासं। Plasma Therapy in COVID 19 रांची में डोनर नहीं मिलने के कारण जरूरतमंदों को प्लाज़्मा नहीं मिल पा रहा है। लोग खुद आगे आकर प्लाज़्मा दान करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसे देखते हुए अब रिम्स प्रबंधन ने गंभीर व सामान्य लक्षणों से स्वस्थ हुए कोरोना रोगियों की काउंसलिंग शुरू कर दी है। रिम्स प्रबंधन ने जिले व दूसरे जिले के भी 422 लोगों की सूची तैयार की है। इनमें से 100 से अधिक ऐसे हैं जो डोनेशन की प्रारंभिक मापदंड को पूरा करते हैं।

रिम्स पीएसएम विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि प्रारंभिक मापदंड से आशय है कि वैसे लोग जिन्हें कोरोना के साथ कुछ और भी बीमारियां रहीं हो। जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, थायरॉयड आदि। प्रारंभिक मापदंड पर रोगियों को फिल्टर करने के बाद अन्य संक्रामक रोग की भी जांच की जाएगी, ताकि डोनर से अधिकतम प्लाज़्मा एकत्र किया जा सके।

आइसीएमआर ने पूर्व की गाइडलाइन में भी बदलाव करते हुए स्वस्थ हुए व्यक्ति से 28 दिनों के बाद प्लाज्मा लेने को बदलकर 14 दिन कर दिया है। यानी अब कोरोना से रिकवर होने के बाद प्लाज्मा डोनेट करने के लिए 28 दिन इंतजार नहीं करना होगा। 14 दिनों में ही प्लाज्मा डोनेट किया जा सकेगा।

250 गंभीर मरीज प्लाज्मा के इंतजार में, आगे नहीं आ रहे डोनर

कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। गंभीर मरीजों के इम्यून सिस्टम में असर डालकर उन्हें कोविड और कमजोर बना रही है। वैक्सीन अब तक नहीं बनी, लेकिन आइसीएमआर ने जब से प्लाज़्मा थेरेपी को अनुमति दी है, गंभीर मरीज व उनके परिजनों में एक उम्मीद की किरण जगी। पर अब वो भी टूटता दिखाई पड़ रहा है। बीते 28 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रिम्स के ब्लड बैंक में प्लाज़्मा बैंक का उद्घाटन किया था।

उद्घाटन के 12 दिन बीतने के बाद भी सिर्फ 8 लोगों ने ही प्लाज़्मा डोनेट किया है। जबकि अब तक 1000 लोग स्वास्थ्य होकर अपने घर लौट चुके हैं। हजार में करीब 350 ऐसे थे जिन्होंने गंभीर बीमारी से जंग जीती है। सिर्फ राजधानी में वर्तमान में 2000 से अधिक केस एक्टिव हैं और 250 से अधिक ऐसे मरीज हैं जिन्हें प्लाज़्मा की जरूरत है। पर ना तो कोई किसी के दर्द में मददगार बन रहा है और ना ही पहली पायदान में आकर प्लाज़्मा डोनेट कर रहा है।

पीएसएम विभाग के डॉक्टरों की टीम दैनिक आधार पर 50 से 60 स्वस्थ हो चुके लोगों से संपर्क कर रही है। रिम्स लगातार जिला प्रशासन से आग्रह कर रही है। सिविल सर्जन के साथ बैठक कर प्लाज़्मा डोनेशन कैंप लगाने की योजना बनाएं। प्लाज़्मा डोनर को यात्रा खर्च के तौर पर 1000 रुपये दिए जाएंगे। दूसरे जिले से आने वालों को 2500 रुपये दिए जाएंगे।

जागरण अपील : प्लाज़्मा डोनेट कर बने लाइफ सेवियर

आपकी नहीं बिगड़ेगी सेहत, स्वस्थ होने के बाद मिलेगी किसी की दुआ

दैनिक जागरण उन तमाम गंभीर रोगियों व उनके परिजनों की ओर से प्लाज़्मा डोनेट करने की अहर्ता रखने वालों से अपील करता है कि आगे आएं और प्लाज़्मा दान करें। यह मरने वालों की जिंदगी बचाने का आसान तरीका है। प्लाज़्मा डोनेट करने से आपकी सेहत पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ना ही कमजोरी होगी। बल्कि आपके प्लाज़्मा डोनेशन से जिसकी जान बचेगी, उसकी दुआ आपको जीवनभर मिलेगी।

जिन्होंने जीती कोरोना से जंग, वे कर सकते हैं प्लाज़्मा दान कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने वाले ऐसे लोग प्लाज़्मा डोनेट कर सकते हैं जिनमें किसी तरह के लक्षण थे, जैसे सर्दी-खांसी, बुखार आदि। प्लाज़्मा डोनेट स्वस्थ होने के 14 से 28 दोनों के बाद से 4 महीने के बीच में किया जा सकता है। एक डोनर महीने में 2 बार 400-400 एमएल प्लाज़्मा डोनेट कर सकता है। एक डोनर के प्लाज़्मा डोनेट करने से 4 लोगों की जान बच सकती है। एक मरीज को 200 से 250 एमएल की जरूरत पड़ती है। डोनेशन के लिए अहर्ता रखने वालों की भी हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट्स काउंट की जांच के बाद ही प्लाज़्मा लिए जा सकते हैं। पूरी प्रक्रिया में 2 से 3 घंटे का समय लगता है।

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