अपर बाजार में अवैध निर्माण व जाम से निपटने को लेकर बनाएं योजना
रांची झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपर बाजार में अवैध निर्माण व जाम से निपटने को लेकर योजना बनाएं।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत में अपर बाजार में अवैध तरीके से बने व्यावसायिक कांप्लेक्स व बेसमेंट में चल रही दुकानों के मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने रांची नगर निगम से जवाब मांगा है। अदालत ने नगर निगम से पूछा है कि अवैध तरीके से बने व्यावसायिक भवन व बेसमेंट में चलने वाली दुकानों को हटाने के लिए उनके पास क्या योजना है और इसको लेकर नगर निगम की ओर से अब तक क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं? अदालत ने इसकी पूरी योजना दस मई तक अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अपर बाजार में व्यवसायियों और नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध व्यावसायिक कांप्लेक्स बन गए हैं। इनके बेसमेंट में भी दुकानें चल रही हैं। दुकानदार अपने सामान सड़क के किनारे रखते हैं। पार्किग नहीं होने की वजह से दुकानदारों के वाहन सड़क पर खड़े होते हैं जिसके कारण अपर बाजार हमेशा जाम रहता है। अदालत को बताया गया कि पिछले दिनों रंगरेज गली की एक दुकान में आग लगी थी। आग बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग की गाड़ियों को पहुंचने में बहुत दिक्कत हुई थी। नगर निगम की ओर से मिलीभगत के आरोप का विरोध किया गया और कहा गया कि इस मामले में 12 दुकानों पर अवैध निर्माण करने का मामला दर्ज किया गया है। निगम के जवाब पर प्रार्थी ने कहा कि निगम ने मामला दर्ज कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जिस पर अदालत ने पूछा कि पुराने भवनों को ध्वस्त करना व्यवहारिक होगा क्या? इसपर वादी ने कहा कि अभी अवैध तरीके से नए भवन बनाए गए हैं। निगम ने कहा कि अपर बाजार 50 साल पुराना क्षेत्र है और यहां योजनाबद्ध तरीके से नहीं बसने के कारण जाम की स्थिति रहती है। इसके बाद अदालत ने कहा कि जब अपर बाजार में अवैध तरीके से दुकानें बनी हैं और जाम भी होता है तो नगर निगम को इससे निपटने के लिए योजना बनानी चाहिए। बता दें कि सेंटर फॉर आरटीआइ ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा
पिछले दिनों रंगरेज गली में लगी आग के बाद मची अफरातफरी और दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में हुई दिक्कत को दैनिक जागरण ने उठाया था। जिसमें बताया गया कि किस तरह से अपर बाजार की दस फीट की सड़कों पर दुकानदारों का कब्जा होता है।