Health News: बवासीर से न हों परेशान, नई तकनीक की सर्जरी से नहीं होगा दोबारा
Piles Treatment बवासीर किसी भी उम्र में हो सकती है। बवासीर की सर्जरी अब काफी एडवांस हो गई है। डॉ गौतम चंद्रा का कहना है कि सर्जरी के बाद अब इसके दोबारा होने की संभावना ना के बराबर है।
रांची, जासं। बवासीर जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, इसकी सर्जरी अब काफी एडवांस हो गई है। सर्जरी के बाद भी इसके दोबारा होने की संभावना अब नहीं के बराबर हो गई है। बवासीर को चार ग्रेड में बांटा गया है। पहले ग्रेड में बवासीर को जीवन शैली में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। ग्रेड 2, 3 और 4 सर्जरी विभिन्न तकनीक द्वारा भी संभव है। उक्त बातें धुर्वा स्थित पारस एचईसी हाॅस्पिटल के वरीय लैप्रोस्कोपिक सर्जन डाॅ. गौतम चन्द्रा ने कही।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में बवासीर की सर्जरी के लिए एमआइपीएच सबसे नवीनतम तकनीक है। यह तकनीक आन्टोनियो लोंगो द्वारा 1995 में बताई गई है। इस पद्धति से ऑपरेशन में रिकवरी जल्दी होती है तथा ब्लीडिंग की समस्या कम होती है। उन्होंने बताया कि पारस हाॅस्पिटल में एमआइपीएच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही हार्मोनिक और लेजर सर्जरी की भी सुविधा है। डाॅ. गौतम ने कहा कि अपने देश में 40 से लेकर 50 वर्ष या उसके ऊपर के अधिसंख्य लोग बवासीर की समस्या से पीड़ित हैं लेकिन इलाज के लिए मुश्किल से एक तिहाई लोग ही डाॅक्टर के पास जाते हैं।
बवासीर किसी भी उम्र में महिला-पुरुष को हो सकता है। उन्होंने कहा कि कब्ज, पाश्चात्य जीवन शैली, कम पानी पीना, फास्ट फूड का सेवन, मसाले का अधिक प्रयोग, अनियमित जीवन शैली इसके कारण माने गए हैं। बवासीर में मल द्वार से खून आता है जो कि दर्द रहित होता है। बवासीर से बचने के लिए पैकेट वाला खाना, मैदा की सामग्री तथा तली-भूनी चीजों से परहेज करना चाहिए और साग, दलिया, सब्जी और फलों का अधिक सेवन करना चाहिए।