बिजली सब्सिडी में पेच, बात न बनी तो महंगी हो सकती है बिजली
बिजली सब्सिडी में पेच बात न बनी तो महंगी हो सकती है बिजली
राज्य ब्यूरो, राची : झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को मिल रही सब्सिडी पर पेच फंस सकता है। सुधारीकरण की प्रक्रिया के तहत केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने विद्युतीकरण अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है। इसमें उल्लेख है कि सीधे बिल पर सब्सिडी देने की जगह बिजली वितरण कंपनिया उपभोक्ताओं को डीबीटी के जरिए यह सुविधा प्रदान करें। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने भी पूर्व में सब्सिडी की स्वीकृति देते हुए बिजली वितरण निगम को निर्देश दिया था कि तत्काल बिल पर छूट दी जा सकती है, लेकिन निगम को उपभोक्ताओं का डाटा तैयार कर सीधे उनके एकाउंट में सब्सिडी की राशि देने का प्रावधान करना चाहिए। फिलहाल सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बहाल रखने की बात कही है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में उपभोक्ताओं को सब्सिडी बिजली बिलों में कटौती के माध्यम से हस्तातरित की जाती है और इस व्यवस्था को आगे भी जारी रखा जाना चाहिए। राज्य सरकार ने नए विद्युतीकरण संशोधन विधेयक का भी विरोध किया है।
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सब्सिडी नहीं मिलने से लगेगा झटका
राज्य में फिलहाल 46 लाख बिजली उपभोक्ता है। घरेलू उपभोक्ताओं की श्रेणी में आने वाले सभी उपभोक्ताओं को सरकार रियायत देती है। फिलहाल प्रति यूनिट चार रुपये की दर से उपभोक्ताओं को बिजली मिलती है और औसतन दो रुपये प्रति यूनिट रियायत मिलती है। सब्सिडी नहीं मिलने की स्थिति में उपभोक्ताओं की जेब पर असर होगा। फिलहाल राज्य सरकार ने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है। इसके लिए नियामक आयोग की मंजूरी लेनी होगी। फिलहाल सालाना दर बढ़ाने के लिए आयोग में दायर टैरिफ पीटिशन पर निर्णय नहीं हुआ है।
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