मुक्ति के दरवाजे पर ताला: रांची में कोरोना से मरने वालों को शवदाहगृह तक नसीब नहीं
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। हरमू मुक्तिधाम में दाह संस्कार गृह में लगी मशीनें ने एक बार फिर खराब हो गई है। रविवार को मुक्तिधाम के बाहर गेट पर ताला लगा दिया गया।
रांची, जासं । कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। हरमू मुक्तिधाम में दाह संस्कार गृह में लगी मशीनें ने एक बार फिर खराब हो गई है। रविवार को मुक्तिधाम के बाहर गेट पर ताला लगा दिया गया। इस बीच 100 के अंतिम संस्कार की वैकल्पिक व्यवस्था डोरंडा स्थित घाघरा घाट पर की गई है। दोपहर तक प्राप्त जानकारी के अनुसार घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां खत्म हो गई है। करीब आठ शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ियों का इंतजार किया जा रहा है।
8-8 घंटे बाद शवों की चिताए सज पा रही हैं। अपने अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए लेकर पहुंचे लोगों का रो रो कर बुरा हाल है। चीख-पुकार के कारण श्मशान में 2 मिनट भी ठहरना मुश्किल हो गया है। एंबुलेंस की लंबी कतार दिखाई दे रही है। घाघरा घाट पर शवों के दाह संस्कार में हो रही देरी को देखते शहर के अलग-अलग इलाकों में गुजरने वाली नदी के घाटों पर संस्कार होने लगे हैं। हटिया इलाके में स्वर्णरेखा घाट पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों के परिजनों के शव का अंतिम संस्कार कराया जा रहा है।