Jharkhand News: पीक पीरियड हुआ खत्म, नहीं हुई उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति

झारखंड में खरीफ फसल के लिए यूरिया समेत अन्य उर्वरक की जरूरत का पीक पीरियड खत्म हो गया लेकिन उर्वरक की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं हुई। उर्वरक की कमी का असर उत्पादन पर कुछ हद तक पड़ने की संभावना आंकी जा रही है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:57 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 06:57 AM (IST)
Jharkhand News: पीक पीरियड हुआ खत्म, नहीं हुई उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति
Jharkhand News: पीक पीरियड हुआ खत्म, नहीं हुई उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड में खरीफ फसल के लिए यूरिया समेत अन्य उर्वरक की जरूरत का पीक पीरियड खत्म हो गया लेकिन उर्वरक की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं हुई। उर्वरक की कमी का असर उत्पादन पर कुछ हद तक पड़ने की संभावना आंकी जा रही है। हालांकि राहत इस बात की रही कि इस बार यूरिया की मांग को लेकर किसान सड़कों पर नहीं उतरा। कालाबाजारी का प्रतिशत भी अपेक्षाकृत पिछले सालों से कम रहा।

झारखंड में खरीफ फसल के दौरान सबसे अधिक मांग यूरिया की रहती है। लेकिन मांग और आपूर्ति का संतुलन गड़बड़ाया रहा। मांग 1.95 लाख टन यूरिया के सापेक्ष महज 59 प्रतिशत ही आपूर्ति सुनिश्चित हो सकी। डीएपी समेत अन्य उर्वरकों की आपूर्ति की स्थिति भी तकरीबन ऐसी ही रही। खरीफ फसल की बात करें तो रोपाई और बुआई के बाद यूरिया की सर्वाधिक जरूरत 15 सितंबर तक किसानों को होती है। इसके बाद उर्वरक का प्रयोग काफी कम होता है। लेकिन इस पीक पीरियड में आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कराई जा सकी।

हालांकि केंद्र सरकार ने झारखंड के लिए पर्याप्त कोटा स्वीकृत किया था, लेकिन कंपनियों के रवैये के कारण राज्य को समय पर उर्वरक की आपूर्ति नहीं हो सकी। कृषि विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि समय बीतने के बाद यूरिया की सप्लाई कंपनियों द्वारा की जा सकती है और इसके साथ ही यूरिया समेत अन्य उर्वरकों को लेने के लिए दबाव भी बनाया जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि अब जरुरत ही नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उर्वरक का समानुपातिक बंटवारा भी नहीं होता। बता दें कि राज्य सरकार ने उर्वरक की कमी को लेकर पूर्व में केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था, बावजूद इसके समय पर आपूर्ति नहीं हो सकी।

अप्रैल से 13 सितंबर तक उर्वरक की आपूर्ति की स्थिति

उर्वरक स्वीकृति डिस्पैच प्रतिशत

यूरिया 195446.81 115717.96 59.26

डीएपी 81100.00 55009.75 67.82

एनपीकेएस 37700.00 28991.80 76.90

एमओपी 17500.00 3470.70 1983

नोट : आंकड़े टन में हैं।

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