रांची में पुलिस के सामने पत्थलगड़ी, ग्रामीण बोले संविधान के खिलाफ नहीं जमीन बचाने के लिए की

रांची में इन दिनों पत्थलगड़ी बड़ा रूप ले रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 06:29 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 06:29 AM (IST)
रांची में पुलिस के सामने पत्थलगड़ी, ग्रामीण बोले संविधान के खिलाफ नहीं जमीन बचाने के लिए की
रांची में पुलिस के सामने पत्थलगड़ी, ग्रामीण बोले संविधान के खिलाफ नहीं जमीन बचाने के लिए की

जागरण संवाददाता, तुपुदाना :

रांची में इन दिनों पत्थलगड़ी बड़ा रूप ले रहा है। इसका स्वरूप और बहाना अलग-अलग हैं, लेकिन यह लगातार होने लगा है। पहले हाईकोर्ट के पास, फिर विधानसभा भवन के आसपास के बाद एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के चंदाघासी कुटे टोली टुंगरी में पुलिस के सामने ही पत्थलगड़ी कर दी गई। पत्थलगड़ी के लिए सैकड़ों ग्रामीण जुटे थे। पिछले तीन दिनों से इसकी तैयारी चल रही थी। कुटे टोली स्थित टुंगरी पर ग्रामीणों ने चंदा घासी के पाहन मुन्ना, खरसीदाग के पाहन जुरा के द्वारा आदिवासी रीति रिवाज ढोल नगाड़ों के बीच महिलाओं के द्वारा सरना प्रार्थना के साथ टुंगरी की जमीन को बचाने के लिए पत्थलगड़ी किया गया। इस दौरान मौके पर चंदाघासी, ओबरिया, कुटे, मरियातु, चूरू ,लोधमा ,सबयबागान ,लटमा सहित आसपास के दर्जनों गांव के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।

खूंटी जिले में पत्थलगड़ी की तरह रांची में भी पत्थलगड़ी की सुगबुगाहट के बीच एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के चंदा घासी कुटे टोली में पत्थलगड़ी की सूचना पाकर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में पुलिस के बड़े पदाधिकारी भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। नामकुम के प्रखंड विकास पदाधिकारी ज्ञान शंकर जायसवाल सहित क्षेत्र के थाना प्रभारी अपने-अपने थानों के पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों को समझाने में नाकाम रहे। प्रशासन ने पत्थलगड़ी से रोका, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और कहा पत्थलगड़ी संविधान के विरोध में नहीं बल्कि अपनी जमीन को बचाने के लिए आदिवासी देवता सिगबोंगा और ग्राम देवता के नाम पर पत्थलगड़ी की जा रही है। इस दौरान पुलिस पूरे इलाके में ही पत्थलगड़ी पर निगाह रखे हुए थे, ताकि कानून व्यवस्था न बिगड़े।

इस दौरान चंदा घासी पंचायत के मुखिया ने कहा कि बिना ग्राम सभा के कुटे टोली स्थित पांच एकड़ जमीन रविशंकर की संस्था को 2018 में टोकन मनी पर व्यक्ति विकास नामक संस्था को दिया गया था। इसका ग्रामीण शुरू से विरोध कर रहे थे। इसके लिए ग्रामीण टुंगरी में सभा कर रहे थे और व्यक्ति विकास संस्था को जमीन देने का विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों का एक स्वर में विरोध था कि बिना ग्राम सभा के सरकार ने जमीन संस्था को दे दिया गया है। संस्था के द्वारा उपायुक्त रांची को दिए गए आवेदन और आदेश पर तत्कालीन नामकुम अंचलाधिकारी शुभ्रा रानी ने भारी संख्या में सुरक्षा बलों के साथ जमीन की नापी एवं दखल दिलवाने के लिए गए थे। ग्रामीणों ने इसका भी जोरदार विरोध किया था। ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासन एवं संस्था के लोग वापस लौट गए थे।

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बंधु तिर्की भी पहुंचे, कहा गांव की जमीन सरकार किसी को नहीं दे सकती :

कार्यक्रम में आदिवासी नेता और मांडर के विधायक बंधु तिर्की भी पहुंचे थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि गांव की जमीन बिना ग्राम सभा के सरकार किसी को नहीं दे सकती है। यदि सरकार किसी को बिना ग्राम सभा की अनुमति के जमीन देती है तो ग्रामीण इसका पुरजोर विरोध करेंगे। ग्रामीणों के द्वारा पत्थलगड़ी की सूचना पर मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल और पदाधिकारी पहुंचे थे। वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र झा के निर्देश पर एएसपी हटिया, सिटी डीएसपी, मुख्यालय डीएसपी सहित डोरंडा, जगन्नाथपुर, और एयरपोर्ट के थानेदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। स्थिति की गंभीरता को देख कर अग्निशमन की गाड़ी और वाटर कैनन गाड़ी भी मौके पर बुला लिया गया था। प्रशासन के अधिकारियों एवं ग्रामीणों के बीच वार्ता के बाद शांतिपूर्ण ढंग से पत्थलगड़ी का कार्यक्रम संपन्न हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि यह पत्थलगड़ी खूंटी जिले की तरह संविधान के विरोध में नहीं बल्कि अपनी जमीन को बचाने के लिए पत्थलगड़ी किया गया है।

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ये थे मौजूद :

पत्थलगड़ी के कार्यक्रम में केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की, सरना प्रार्थना सभा के संजय कुजुर, पूर्व पार्षद अजीत तिर्की, पार्षद पुष्पा तिर्की, पडहाराजा बुधवा, पडहा अध्यक्ष सिमरन मुंडा, एचईसी विस्थापित नेता राहुल उरांव, सचिव प्रकाश टोप्पो, चंदाघासी पंचायत के पूर्व मुखिया निकोलस , ग्राम प्रधान राधे तिर्की ,शांति तिर्की ,ललिता, सरिता, झरिया सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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