पलामू जिला ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना फेल, नदी-तालाब का पानी पीने को विवश हैं लोग

पलामू में ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना फेल हो गई है। जिला में छोटी-बड़ी 255 जलापूर्ति केंद्र बनाए गए हैं। इसमें आधा से अधिक केंद्र रख रखाव व जागरूकता के आभाव में बंद पड़े हैं। शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से ग्रामीण तालाब व नदी का अशुद्ध पानी पीने को विवश हैं।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 04:13 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 04:13 PM (IST)
पलामू जिला ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना फेल, नदी-तालाब का पानी पीने को विवश हैं लोग
पलामू में ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना फेल हो गई है।

मेदिनीनगर, जासं। पलामू में ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना फेल हो गई है। जिला में छोटी-बड़ी 255 जलापूर्ति केंद्र बनाए गए हैं। इसमें आधा से अधिक केंद्र रख रखाव व जागरूकता के आभाव में बंद पड़े हैं। शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से ग्रामीण तालाब व नदी का अशुद्ध पानी पीने को विवश हैं। इससे लोग टायफायड, जौंडिस, पेट आदि की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। जिला में वृहद पेयलापूर्ति केंद्र नौ स्थानों पर बना गया है। इसमें पाटन, पांडू, सूदना, चुकरू, कंकारी, पांडू, हैदरनगर, पांकी,लेस्लीगंज में पेयजल केंद्र स्थापित है। इन सभी केंद्रों में जलापूर्ति बंद है।

जलापूर्ति केंद्र बंद होने का ठिकरा विभाग स्थानीय लोगों पर फोड़ रहा है। विभाग का कहना है कि केंद्र का संचालन स्थानीय ग्राम जल स्वच्छता समिति के जिम्मे है। इसकी मरम्मत व डीजल खर्च के लिए राशि समिति को पेयजल के लाभुक से लेनी है। ग्रामीण केवल पानी लेते हैं। पेयजल आपूर्ति केंद्र के नियमित कनेक्शन नहीं लेते हैं। नतीजा राशि के अभाव में छोटी-छोटी खराबी नहीं बनती है। कई जगहों पर डीजल के अभाव में भी जलापूर्ति केंद्र बंद है। कई छोटे जलापूर्ति केंद्र सोलर के माध्यम से चलते हैं।

सोलर केंद्रों का नहीं है कोई रखवाला

गांव में छोटे स्तर पर बोरिंग कर टंकी के माध्यम से 94 जलापूर्ति केंद्र बनाया गया है। इन केंद्रों की देखरेख ग्रामीणों को खुद करना है। ग्रामीण स्वीच आन कर लगातार 10 से 12 घंटा तक छोड़ देते हैं इससे स्टेबलाइजर जल जाता है। इस कारण भी कई केंद्र बंद हैं।

पांडू जलापूर्ति केंद्र में पाइप लीकेज की समस्या

पांडू प्रखंड में 1984 में पेयजलापूर्ति केंद्र की स्थापना की गई थी। स्थापना के बाद अब तक लगातार एक महीना भी ग्रामीणों को जलापूर्ति नहीं हुई। जलापूर्ति केंद्र का पाईप लीकेज है। इसके अलावा टंकी का वाल्व पिन भी खराब है। पेयजल स्वच्छता विभाग इसकी मरम्मत नहीं कराता है। विभाग का कहना है कि इसके लिए अलग से राशि नहीं आती है। कनेक्शनधारी उपभोक्ता से मिली राशि से ग्राम जल स्वच्छता समिति को मरम्मत करानी है।

ग्रामीणों की लापरवाही से बंद है पेयजलापूर्ति केंद्र : ईई

पेयजल स्वच्छता विभग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह ने कहा कि कई योजना ग्रामीणों की लापरवाही से बंद है। ग्रामीण केंद्र का रख रखाव ठीक तरीका से नहीं करते हैं। इसका संचालन ग्राम जल स्वच्छता समिति करती है। ग्रामीण कनेक्शन नहीं लेते हैं। इस कारण आय का स्राेत नहीं है। इसके अलावे भी कई कमियां हैं।

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