Jharkhand: विद्युत नियामक आयोग को दफ्तर खाली करने का फरमान, जानिए पूरा मामला

बिजली कंपनियों के लिए सालाना दर समेत अन्य नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेने वाली राज्य विद्युत नियामक आयोग को अपना दफ्तर खाली करना पड़ सकता है। आयोग का दफ्तर कांके रोड स्थित उत्पाद भवन में चल रहा था जिसे हटाने का फरमान उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग ने जारी कर दिया।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 06:27 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:26 AM (IST)
Jharkhand: विद्युत नियामक आयोग को दफ्तर खाली करने का फरमान, जानिए पूरा मामला
विद्युत नियामक आयोग को दफ्तर खाली करने का फरमान। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । बिजली कंपनियों के लिए सालाना दर समेत अन्य नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेने वाली राज्य विद्युत नियामक आयोग को अपना दफ्तर खाली करना पड़ सकता है। आयोग का दफ्तर कांके रोड स्थित उत्पाद भवन में चल रहा था, जिसे हटाने का फरमान उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग ने जारी कर दिया है। विभाग के संयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार सिंह ने इस संबंध में ऊर्जा विभाग को नोटिस भेजा है।

नोटिस में पूर्व के आदेश का भी जिक्र किया गया है। जानकारी दी गई है कि जिन कमरों में राज्य विद्युत नियामक आयोग का दफ्तर संचालित हो रहा था, उसे वाणिज्य-कर विभाग को आवंटित किया गया है। लिहाजा आयोग अपना दफ्तर स्थानांतरित करे। उत्पाद भवन के दूसरे तल्ले के कमरा नंबर 202 से लेकर 220 को वाणिज्य-कर विभाग को आवंटित किया गया है।

अध्यक्ष समेत अहम पद हैं खाली

राज्य विद्युत नियामक आयोग को अब एक अदद दफ्तर के लिए जहां मशक्कत करनी पड़ेगी। दरअसल आयोग में अधिकारियों के तमाम पद खाली पड़े हैं। पूर्व अध्यक्ष अरविंद प्रसाद के इस्तीफे के बाद यह पद खाली पड़ा हुआ है। इसके अलावा तकनीकी सदस्यों के पद भी खाली है। यही कारण है कि बिजली कंपनियों से संबंधित मामलों की सुनवाई भी लंबित है। राज्य में बिजली की दर से संबंधित तकनीकी सुनवाई भी अभी तक नहीं हो पाई है, जिसके कारण नए वित्तीय वर्ष की दर का निर्धारण नहीं हो पा रहा है। हालांकि झारखंड बिजली वितरण निगम ने नवंबर-2020 में भी नए वित्तीय वर्ष का टैरिफ पीटिशन दायर कर दिया है, लेकिन अधिकारियों का कोरम नहीं रहने के कारण इसपर फैसला नहीं लिया जा सका है।

पहले सैनिक भवन में था दफ्तर

राज्य विद्युत नियामक आयोग का खुद का दफ्तर नहीं है। पहले मेन रोड स्थित सैनिक भवन में इसका संचालन होता था। बाद में इसे कांके रोड स्थित उत्पाद भवन में दफ्तर स्थानांतरित किया गया। आयोग का दफ्तर बनाने का प्रस्ताव लंबे अरसे से चला आ रहा है, लेकिन इसपर काम नहीं हो पा रहा है। उत्पाद विभाग की नोटिस के बाद ऊर्जा विभाग ने दफ्तर के संचालन के लिए नया स्थान तय करने की प्रक्रिया आरंभ की है।

हिनू में आवंटित है 78 डिसमिल जमीन

राज्य विद्युत नियामक आयोग को राज्य सरकार ने 78 डिसमिल जमीन आवंटित कर रखा है। यह जमीन हिनू पीएचइडी कालोनी में है। इसका आवंटन वर्ष 2009 में किया गया था। हालांकि इसपर कार्यालय का निर्माण नहीं हो पाया है।

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