झारखंड के छह जिलों के शिक्षा अधीक्षकों का वेतन रोकने का आदेश, ये है वजह
Jharkhand Education News बताया गया कि इन जिलों के बच्चों को किताबें नहीं मिली हैं। यह बात सामने आने के बाद शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने इन सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक का वेतन रोकने का आदेश दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के आधा दर्जन जिलों में कक्षा एक से दस तक के बच्चों को सरकारी किताबें नहीं मिली हैं। इनमें हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम तथा सिमडेगा शामिल हैं। जबकि इन सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों को मार्च-अप्रैल माह में ही दो-दो पत्र जारी कर प्रकाशकों द्वारा उपलब्ध कराई गई किताबें बच्चों के बीच वितरण के निर्देश दिए गए थे। शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों के वेतन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, पिछले दिनों हुई समीक्षा में यह बात सामने आई कि आंशिक लॉकडाउन लागू होने के पहले इन सभी जिलों में किताबें उपलब्ध होते हुए भी वितरण नहीं हुआ।
इसके लिए जिला शिक्षा अधीक्षकों की लापरवाही सामने आई। जब उनसे इस पर जवाब मांगा गया तो स्पष्ट जवाब भी नहीं दे पाए। इसके बाद शिक्षा सचिव ने उक्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया। उनके निर्देश पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक डाॅ. शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी उपायुक्तों को पत्र भेजकर तबतक वेतन रोकने को कहा है, जब तक कि शत प्रतिशत बच्चों को किताबें मिल न जाए। बता दें कि सभी जिलों को मार्च-अप्रैल में ही किताबें वितरित करने के निर्देश दिए गए थे। आंशिक लॉकडाउन लागू होने के बाद वितरण पर रोक लगा दी गई। अब आपदा प्रबंधन विभाग की अनुमति पर छुटे हुए सभी बच्चों को घर-घर किताबें पहुुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूलों के बंद रहने पर किताबों पर ही निर्भर हैं बच्चे
कोरोना के कारण स्कूलों के बंद रहने पर बड़ी संख्या में बच्चे किताबों पर ही निर्भर हैं। बता दें कि लाखों बच्चे वाट्सएप ग्रुप से नहीं जुड़े हैं। इससे उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में बच्चे किताबें मिलने पर स्वयं कुछ पढ़ाई कर सकते हैं या उनके अभिभावक भी पढ़ा सकते हैं। इन जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों ने बच्चों को इससे भी वंचित किया।