नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन बोले, पारा शिक्षकों व पत्रकारों पर लाठी बरसाना निंदनीय

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्‍यक्ष हेमंत सोरेन ने स्‍थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान मोरहाबादी मैदान में पारा शिक्षकों की पिटाई पर तल्‍ख तेवर दिखाए।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 01:11 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 01:11 PM (IST)
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन बोले, पारा शिक्षकों व पत्रकारों पर लाठी बरसाना निंदनीय
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन बोले, पारा शिक्षकों व पत्रकारों पर लाठी बरसाना निंदनीय

रांची, राज्य ब्यूरो। नेता प्रत‍ि‍पक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्‍यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्‍य के स्थापना दिवस पर पारा शिक्षकों के साथ-साथ पत्रकारों पर भी पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण लाठी बरसाई गई। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर भाजपानीत रघुवर सरकार द्वारा पुलिस तंत्र के माध्यम से कराया गया हमला निंदनीय है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार झारखंड का 18वां स्थापना दिवस मना रही है, वहीं दूसरी ओर जनता को हक की आवाज उठाने पर बर्बरता पूर्ण पीटा जा रहा है।

झामुमो नेता हेमंत ने कहा कि राज्‍य की रघुवर सरकार ने अपने चाल-चरित्र के अनुसार एक बार फिर जनता की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग का सहारा लिया और अपने तानाशाह रवैये को प्रदर्शित किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार से उक्त घटना के लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों को चिह्नित कर उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग करता है।

राज्य का खजाना खाली, किसी दिन बंद होगा वेतन : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने दावा किया है कि राज्य का खजाना खाली है। यही स्थिति रही तो सरकारी कर्मचारियों को आने वाले दिनों में वेतन तक के लाले होंगे। स्थापना दिवस के मौके पर जारी एक प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने में 500 करोड़ रुपये भी नहीं है। सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर करोड़ों रुपये का खर्च है। आरोप लगाया कि सरकार फिजूलखर्ची में व्यस्त है। प्रतिदिन अरबों रुपये सरकारी कार्यक्रम के नाम पर बहाए जा रहे हैं। स्थापना दिवस पर नाचगान के आयोजन पर खर्च गलत है। मुख्यमंत्री रघुवर दास झारखंड के नीरो हैं। झारखंड में चौतरफा आफत है। मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान त्रस्त हैं और ये जश्न मना रहे हैं। ऐसी संवेदनाहीन सरकार उन्होंने नहीं देखी।

मोबाइल से भरेगा किसानों का पेट? : नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया कि किसानों का पेट मोबाइल से भर जाएगा? सरकार किसानों को मोबाइल बांटने की घोषणा कर रही है, जबकि धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों को राहत पहुंचाना सरकार के एजेंडे में नहीं है। रघुवर दास को सिर्फ वोट की चिंता है।

आजसू ने बिरसाइतों की सभा में धरती आबा को किया याद : आजसू पार्टी ने गुरुवार को भगवान बिरसा की जयंती पर कोकर स्थित समाधि स्थल पर उनके अनुयायियों (बिरसाइतों) के साथ प्रार्थना सभा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि साल बीतते गए, लेकिन धरती आबा भगवान बिरसा के विचार पीछे छूटते गए। इससे पहले उन्होंने भगवान बिरसा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर सभा की शुरुआत की।

बिरसाइतों के साथ विचारों को साझा करते हुए सुदेश ने कहा कि बिरसा ने जिन उद्देश्यों के साथ उलगुलान किया था वे कितने साकार हो सके ये सवाल अक्सर पूछे जाते हैं। कहा, किसी दूसरे देश या राज्य को मानक मानकर हम काम नहीं कर सकते। झारखंड के अपने मुद्दे हैं, जिनपर काम करना होगा।

कहा, हर वर्ष 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के सपने को साकार करने का संकल्प लेते हैं, लेकिन सवाल उठता है कि सपने साकार क्यों नहीं होते। उन्होंने कहा कि हजारों परिवार आज भी जंगलों में बिरसा धर्म का पालन कर रहे हैं जो बड़ी बात है। ये सादा वेशभूषा में रहते हैं, सादा खाना खाते हैं तथा बिरसा के मूल्यों पर आज भी आस्था रखते हैं। श्रद्धांजलि प्रार्थना सभा में संजय बसु मल्लिक, देवशरण भगत, सुबोध प्रसाद, बिरसा मुंडा, सरजीत मिर्धा आदि भी उपस्थित थे।

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