वर्षों पुराने भवन को सील करने का विरोध

राजधानी रांची में वर्षों पुराने भवनों को निगम द्वारा सील करने या तोड़े जाने संबंधी निगम की सूचना पर नागरमल मोदी सेवा सदन के संयुक्त सचिव पवन शर्मा ने आपत्ति जताई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:54 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 08:54 AM (IST)
वर्षों पुराने भवन को सील करने का विरोध
वर्षों पुराने भवन को सील करने का विरोध

जासं, रांची: राजधानी रांची में वर्षों पुराने भवनों को निगम द्वारा सील करने या तोड़े जाने संबंधी निगम की सूचना पर नागरमल मोदी सेवा सदन के संयुक्त सचिव पवन शर्मा ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर रांची नगर निगम द्वारा अस्पताल प्रबंधन को कभी नक्शा, कभी अतिक्रमण तो कभी अन्य मामले में परेशान किया जाता रहा है। अब भवन को सील करने तथा तोड़ने की बात कही जा रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सेवा सदन अस्पताल का निर्माण 60-62 वर्ष पूर्व तत्कालीन नियमों के अधीन हुआ था। आवश्यकतानुसार भवन का रखरखाव तथा सुदृढ़ीकरण किया जाता रहा है। इसमें रांची नगरपालिका नियमावली का कहीं भी उल्लंघन नहीं किया गया है। रांची नगर निगम द्वारा बड़ा तालाब के पास कई भवनों को सील करने तथा तोड़ने का आदेश दिया जाना चितनीय है।

नागरमल मोदी सेवा सदन अस्पताल के अध्यक्ष आरके सरावगी ने कहा कि अस्पताल का भवन स्वतंत्रता सेनानी नागरमल मोदी द्वारा दान की गई भूमि पर है। किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है। उन्होंने रांची नगर निगम से आग्रह किया कि अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए इस आदेश पर पुनर्विचार करे।

वहीं चैंबर उपाध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि बकरी बाजार में पार्किंग स्थल बनाने की दिशा में निगम को कार्रवाई करनी चाहिए। इससे कई समस्याओं का समाधान स्वत: संभव है। चैंबर के आरएमसी उप समिति चेयरमेन अमित शर्मा ने कहा कि शहर में निर्मित पुराने भवनों को सील करने के बजाय रेगुलराइज करने पर निगम को विचार करना चाहिए। सीएम का काफिला रोकने की कोशिश में आठ नाबालिग को मिली सशर्त जमानत

जागरण संवाददाता, रांची : सीएम का काफिला रोकने की कोशिश के आरोपितों में आठ नाबालिगों को शुक्रवार को सशर्त जमानत दी गई। जमानत पर सुनवाई के दौरान जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की प्रिसिपल मजिस्ट्रेट कुमारी नितिका ने पांच-पांच हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। आरोपितों पर 500-500 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। सभी आरोपित चुटिया इलाके के रहने वाले हैं। छह जनवरी को चुटिया इलाके से ही इन्हें गिरफ्तार किया गया था। आरोपितों के जमानत पर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता कीर्ति नारायण सिंह ने पैरवी की। बता दें कि ओरमांझी में सिर कटी लाश बरामद होने के दूसरे दिन चार जनवरी को किशोरगंज में कुछ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन के कारण सीएम के काफिले का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा। इस मामले में 74 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी।

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