नाबालिग बच्चों को 'Courier Boy' बना रहे अफीम तस्कर, रांची से बनारस तक बना है कॉरिडोर; पढ़े ये रिपोर्ट

अफीम के तस्कर अब कम उम्र के छात्रों से अफीम की तस्करी करवा रहे हैं। खूंटी से लेकर बनारस तक कॉरिडोर बना है। ऐसा ही मामला रांची के खादगाढ़ा टीओपी से पकड़ा गया है। जानकारी के अनुसार खूंटी के मुरहू का रहने वाला एक 15 साल का छात्र पकड़ा गया।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:50 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:50 AM (IST)
नाबालिग बच्चों को 'Courier Boy' बना रहे अफीम तस्कर, रांची से बनारस तक बना है कॉरिडोर; पढ़े ये रिपोर्ट
नाबालिग बच्चों को 'Courier Boy' बना रहे अफीम तस्कर, रांची से बनारस तक बना है कॉरिडोर। जागरण

रांची, जासं। अफीम के तस्कर अब कम उम्र के छात्रों से अफीम की तस्करी करवा रहे हैं। खूंटी से लेकर बनारस तक कॉरिडोर बना है। ऐसा ही मामला रांची के खादगाढ़ा टीओपी से पकड़ा गया है। जानकारी के अनुसार खूंटी के मुरहू का रहने वाला एक 15 साल का छात्र पकड़ा गया है। उसके पास से पांच किलो अफीम बरामद किया गया है। जिसे अफीम के तस्कर कूरियर ब्वाय के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे।

उसे अफीम लेकर बनारस पहुंचना था। इससे पहले पुलिस ने उसे दबोच लिया। पकड़े गए नाबालिग छात्र ने पुलिस को बताया कि उसे मुरहू का ही रहने वाला एक व्यक्ति ने अफीम लेकर बनारस पहुंचाने के लिए दिया था। इसके एवज में उसे सात हजार रुपये दिए गए थे। उसे बनारस पहुंचने पर एक व्यक्ति मिलता जो अफीम ले लेता। छात्र का इस्तेमाल इसलिए किया गया, ताकि उसे पुलिस नहीं पकड़े। पुलिस संबंधित तस्करों की तलाश में जुट गई है।

तेजी से फैला है नशे का कारोबार

रांची सहित राज्यभर में नशा का कारोबार तेजी से फैला है। नशे के सौदागरों के निशाने पर अब छात्र हैं, जिनसे तस्करी भी कराई जा रही। जबकि बिक्री भी उन्हीं के पास किया जाना है। जिन्हें नशे की लत में ढकेलकर उनकी जिंदगी बरबाद की जा रही। नकली शराब, गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, नशीली टेबलेट, इंजेक्शन की सप्लाई धड़ल्ले से की सप्लाई हो रही। नशे के सौदागरों ने युवाओं को इसकी लत में ऐसे जकड़ लिया है, कि कुछ भी करने को तैयार हैं। ज्यादातर नशा का सामान स्कूल और कॉलेज गोइंग छात्रों और युवाओं को बेचा जा रहा। इससे साफ है कि नशे के धंधेबाज छात्रों और युवाओं को अपना निशाना बना रहे हैं।

तस्कर नशीली दवाइयों के साथ चरस, स्मैक, ब्राउनशूगर जैसा हाईप्रोफाइल नशा तक मुहैया करवा रहे हैं। कुछ छात्रों को नशे के एवज में धंधा बढ़ाने की जिम्मेदारी तक दी जाती है। यही छात्र धंधे को स्कूल और कॉलेज के अंदर फैलाने का काम करते है। इन्हीं के माध्यम से अन्य छात्र नशे की गिरफ्त में आने लगते हैं। प्लांड तरीके से नशे का एक पूरा नेक्सेस काम करने लगता है। नशे के सौदागरों के बदौलत अपराध बढ़ रहे। घर टूट रहे, जिंदगियां तबाह हो रही। पुलिस-प्रशासन इसपर नकेल के लिए समय-समय पर कार्रवाई जरूर कर रही, लेकिन मास्टरमाइंड तक पुलिस की पहुंच नहीं हो पाने से इसपर लगामा लगाना नामुमकिन जैसा है। हर कार्रवाई में बढ़े नाम सामने आते रहे हैं, लेकिन बड़े कारोबारी रिकॉर्ड में फरार रह जाते।

फलों और सब्जियों की आड़ में होती तस्करी

रांची सहित राज्यभर में फलों और सब्जियों की आड़ में अफीम की तस्करी हो रही है। झारखंड से सटे ओड़िशा, बिहार, यूपी समेत कई राज्यों तक नशा के सौदागरों का नेटवर्क फैला हुआ है। इनका नेटवर्क इतना बड़ा हो चुका है कि फलों सब्जियों की आड़ में बड़े कंटेनर तक से अफीम की तस्करी की जा रही है। झारखंड के कई शहरों से होते हुए बिहार और यूपी तक पूरा कॉरिडोर बना हुआ है। राज्य प्रवेश करने के बाद तस्कर गांजा की ट्रांसपोर्टिंग के लिए रिंग रोड का इस्तेमाल करते हैं। चूंकि रिंग रोड में पुलिस की नाकेबंदी कम रहती है। इसका फायदा उठाकर नशे की खेप को इधर से उधर पहुंचाना आसान होता है। फलों और सब्जियों की आड़ में सप्लाई किए जाने पर पुलिस को चकमा देना आसान है। चेकनाकों में उन्हें आसानी से गुजरने दिया जाता है।

तस्करी में महिलाएं भी शामिल

पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए नशे के कारोबारी महिलाओं का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। महिलाएं अपने कपड़ों में छुपा कर गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर और नशीली टेबलेट को अपने ग्राहकों तक पहुचाती है। ड्रग्स के खरीदार ड्रग्स बेचने वाली महिलाओं का एक स्थान निश्चित होता है जहां वे पहले से खड़ी रहती हैं और खरीदार उन तक पहुंच कर आसानी से ड्रग्स खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं। पुलिस महिलाओं पर संदेह नहीं करती है यही वजह है कि नशे के तस्कर पैसों का लालच देकर महिलाओं को भी इस धंधे में शामिल कर चुके हैं।

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