रांची विश्‍वविद्यालय के 14 कॉलेजों में से मात्र 3 में ही स्‍थायी प्राचार्य, 11 में प्रभार में चल रहा कार्य

Ranchi University News Jharkhand News रांची विवि के 14 अंगीभूत कालेजों में दो कालेज रांची वीमेंस कालेज व मारवाड़ी काॅलेज को आटोनॉमस का दर्जा प्राप्त है। चार वर्ष पूर्व जेपीएससी ने प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 05:31 PM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 05:36 PM (IST)
रांची विश्‍वविद्यालय के 14 कॉलेजों में से मात्र 3 में ही स्‍थायी प्राचार्य, 11 में प्रभार में चल रहा कार्य
Ranchi University News, Jharkhand News चार वर्ष पूर्व जेपीएससी ने प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी।

रांची, जासं। रांची विश्‍वविद्यालय के ऑटोनॉमस काॅलेज मारवाड़ी काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. यूसी मेहता सोमवार 31 मई को सेवानिवृत्‍त हो गए। काॅलेज में नए प्राचार्य की नियुक्ति पर विश्‍वविद्यालय में मंथन चल रहा है। वीसी डाॅ. कामिनी कुमार सभी पहलुओं काे ध्यान रखते हुए नए प्राचार्य पर निर्णय लेंगी। रांची विवि के अंतर्गत 14 अंगीभूत काॅलेज हैं। डाॅ. यूसी मेहता के सेवानिवृत होने के बाद इन 14 में से केवल तीन काॅलेजों में ही प्राचार्य हैं। शेष 11 काॅलेजों में प्राचार्य का पद प्रभार में चल रहा है।

डाॅ. मिथिलेश के नाम की भी चर्चा

रांची विवि के 14 अंगीभूत काॅलेजों में दो काॅलेज रांची वीमेंस काॅलेज व मारवाड़ी काॅलेज को ऑटोनॉमस का दर्जा प्राप्त है। प्रशासनिक दृष्टकोण से ऑटोनॉमस काॅलेज में स्थायी प्राचार्य ही होते हैं। 14 अंगीभूत काॅलेजों में से रांची वीमेंस काॅलेज में डाॅ. शमशुन नेहार, रामलखन सिंह यादव काॅलेज में डाॅ. मनोज कुमार व जेएन काॅलेज धुर्वा में डाॅ. बीपी वर्मा स्थायी प्राचार्य हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि मारवाड़ी काॅलेज में डाॅ. मनोज कुमार या डाॅ. बीपी वर्मा में से कोई एक प्राचार्य बनेंगे। जेपीएससी द्वारा प्राचार्य नियुक्ति में मेरिट में पहले रैंक पर डाॅ. मनोज कुमार हैं। वैसे इन दोनों के अलावा मारवाड़ी काॅलेज के लिए प्राचार्य डाॅ. मिथिलेश के नाम की भी चर्चा है। वे अभी विनोबा भावे विवि के अंतर्गत रामगढ़ कालेज में प्राचार्य हैं। चर्चा है कि इनका यूनिवर्सिटी ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही है।

चार वर्ष पहले हुई थी प्राचार्य की नियुक्ति

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने चार वर्ष पहले राज्य के विश्वविद्यालयों के काॅलेजों के लिए 47 प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की था। इसमें प्राचार्य पद के लिए 23 अभ्यर्थी ही योग्य मिले। अन्य सीटें रिक्त रह गई। 23 में से चार प्राचार्य रांची विवि को मिला था। उस समय 21 वर्ष बाद काॅलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति हुई थी।

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