अरगोड़ा चौक से 11 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ एक गिरफ्तार, सरगना की तलाश Ranchi News
अरगोड़ा चौक के पास मंगलवार को 11 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ संजय कुमार साहू नाम के एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। संजय साहू अशोक नगर गेट नंबर दो के रहने वाला है। हालांकि इस ब्राउन तस्करी गिरोह का सरगना बंटी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है।
रांची (जागरण संवाददाता) । अरगोड़ा चौक के पास मंगलवार को 11 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ संजय कुमार साहू नाम के एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। संजय साहू अशोक नगर गेट नंबर दो के रहने वाला है। हालांकि इस ब्राउन तस्करी गिरोह का सरगना बंटी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। तस्कर को ब्राउन शुगर उपलब्ध करवाने में भी सरगना बंटी का नाम सामने आ रहा है। हाल में ही बरियातू इलाके से पुलिस ने छह ब्राउन शुगर के तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
उन्हें भी बंटी ही ब्राउन शुगर उपलब्ध करवाता था। जानकारी के अनुसार एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को सूचना मिली थी कि अरगोड़ा पीएनबी बैंक के समीप एक व्यक्ति बैठा हुआ है और युवकों के बीच ब्राउन शुगर बेच रहा है। एसएसपी ने अरगोड़ा थाने की पुलिस को मौके पर भेजा और छापेमारी कराई। इस दौरान पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो आरोपित भागने लगा। पुलिस ने आरोपित को खदेड़कर दबोच लिया। आरोपित की तलाशी लेने पर उसके पास से ब्राउन शुगर की 11 गुड़िया बरामद हुई। पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया है।
एजेंटों से करवाता है सप्लाई
ब्राउन शुगर की सप्लाई करने वाला सरगना बंटी खुद ग्राहकों के बीच डिलीवरी नहीं देता है। वह अपने एजेंटों के माध्यम से फोन कॉल पर ऑर्डर और पैसा तय करने के बाद डिलीवरी करवाता है। पकड़े जाने के डर से वह खुद डिलीवरी का काम नहीं करता है। बंटी के लिए काम करने वाले सारे एजेंट ब्राउन शुगर की नशे की गिरफ्त में है। स्थिति यह है कि बंटी जब चाहे तब काम करवा लेता है।
खुद करता था पैकिंग, मुफ्त देता है लाइटर
सरगना बंटी व्यवस्थित ढंग से ब्राउन शुगर, गंजा और हेरोइन की तस्करी कर रहा है। वह नशे के इन सामानों की पैकिंग से लेकर उसके इस्तेमाल करने के सारे उपकरण भी रखता है। ऑर्डर के आधार पर लाइटर और चिल्लम की भी बिक्री करता है। हालांकि ब्राउन शुगर खरीदने वालों को वह मुफ्त में लाइटर भी देता है। ताकि उसके ग्राहक हमेशा आकर्षित हों। बंटी के निशाने पर 18 साल से लेकर 30 साल तक के युवा हैं। जो अच्छे संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि गांजा की बिक्री वह हर गली मोहल्लों तक करता है।