चैती नवरात्र कल से, पंजाबी मनाएंगे बैसाखी
इस सप्ताह कई त्योहार मनाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, रांची : इस सप्ताह कई त्योहार मनाई जाएगी। चैत शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 13 अप्रैल को है। इस दिन से विक्रम संवत 2078 आरंभ हो रहा है। प्रतिपदा को कलश स्थापित कर चैती दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी। 13 अप्रैल को ही पंजाबियों का बैशाखी है। इसी दिन गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। 15 अप्रैल को आदिवासियों का प्रमुख पर्व सरहुल मनाया जाएगा। वहीं, 16 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ चैती छठ आरंभ होगा। जबकि दूसरे सप्ताह में 21 अप्रैल को नवरात्र का नवमी पूजन और श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
विक्रम संवत को हिदू नर्व वर्ष भी कहा जाता है। विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है। संवत की शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने किया था। इसी कारण इसे विक्रम संवत कहा जाता है। पंडित बिपिन पांडेय के अनुसार नव वर्ष मंगलवार से आरंभ हो रहा है। इस कारण संवत का राजा मंगलदेव हैं जो शुभ फलदायी माना गया है। नवरात्र पूजा
-मां दुर्गा का आगमन अश्व व गमन सिंह (शेर) से होगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: काल से 08.46 बजे तक है। शाम सात बजे तक हवन कर लें। 21 अप्रैल को संध्या सात बजे तक हवन पूजा संपन्न कर लें।
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सरहुल पर लगाया जाएगा 151 फीट ऊंचा झंडा
चैत शुक्ल पक्ष द्वितीया 14 अप्रैल से तीन दिनी सरहुल पूजा आरंभ होगा। पहले दिन बुधवार को उपवास एवं केकड़ा, मछली पकड़ाई की रस्म निभाई जाएगी। संध्या 07:30 बजे सरना स्थल में जल रखाई पूजा होगी। 15 अप्रैल को 10:30 बजे केंद्रीय सरना पूजा स्थल सरना टोली हातमा में पूजा होगी। वहीं, 16 अप्रैल को फूलखोसी (पुष्प अर्पण) की जाएगी। इसकी जानकारी रविवार को हातमा में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने दी। उन्होंने सरना धर्मावलंबियों से परंपरागत विधि विधान से ससमय पूजा करने की अपील की। केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि सरहुल पर्व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप किया जाएगा। शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी। 15 अप्रैल को अलबर्ट एक्का चौक पर 152 मीटर ऊंचा मुंडा समाज का झंडा लगाया जाएगा।