ऑनलाइन पढ़ाई से पुरानी किताबों का बाजार ठंडा

स्कूल-कॉलेज बंद है। छात्रों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 01:56 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:16 AM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई से पुरानी किताबों का बाजार ठंडा
ऑनलाइन पढ़ाई से पुरानी किताबों का बाजार ठंडा

जागरण संवाददाता, रांची : स्कूल-कॉलेज बंद है। छात्रों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में पुरानी किताबों का सबसे बड़ा बाजार गुदड़ी को ग्राहकों का इंतजार है। यहां के सबसे पुराने दुकान बजरंग ऑल कहते हैं कि 70-80 प्रतिशत तक किताबों की बिक्री में गिरावट हुई है। ऐसे छात्रों की संख्या अधिक हैं जो गरीब तबके से आते है। ऐसे छात्रों की पहली कोशिश होती है कि पुरानी किताबें मिल जाए। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अधिकतर छात्र घर चले गए हैं। कुछ ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं कुछ पुराने नोट से ही काम चला रहे हैं। गुदड़ी बाजार में पुरानी किताबों की 12-15 दुकानें हैं। यहां लाखों का माल पड़ा है। मेडिकल, इंजीनियरिग, लॉ, सिविल सेवा से लेकर एकेडमिक की सारी किताबें आधी कीमत पर मिलती है। इंटरनेट की सुविधा के बाद छात्रों की निर्भरता उस पर बढ़ी है, लेकिन दुकानदार बताते हैं कि अभी भी भरोसा किताब पर ही है। यह बाजार का एक ऐसा सेक्टर है जिसपर हम ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन असंगठित रुप से इससे एक बड़ा तबका जुड़ा हुआ है। हालांकि इस बीच कई दुकानदारों ने पुरानी किताबों के साथ नई किताब और स्टेशनरी के सामान भी बेचना शुरू कर दिया है।

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प्रतिक्रिया - - शहर में स्कूल, कॉलेज और कोचिग बंद हैं। ऐसे में किताबों की बिक्री पर असर पड़ना लाजिमी है। हमें उम्मीद है कि शिक्षण संस्थान खुलने के बाद बिक्री पहले जैसी हो जाएगी।

संजीव पांडे, छात्र पुस्तक भंडार -पहले किताब खरीदने दूर-दूर से लोग आते थे। अब लोगों को अपने आसपास ही किताबें मिल जा रही है। इसके अलावा छात्र भी अपने घर चले गये तो व्यापार पर प्रभाव पड़ेगा ही।

उमा लोहिया, रांची बुक डिपो

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