झारखंड में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए समय मांग रहे अधिकारी, जानिए क्या है वजह
Jharkhand News Ranchi Samachar लोकायुक्त कार्यालय में शिकायतें कम हुईं। जांच अधिकारियों के आग्रह पत्र सर्वाधिक आ रहे हैं। इसमें समय मांगा जा रहा है। कोरोना का खौफ ऐसा है कि साथ में काम करने वाले को भी दूसरा साथी शक की नजर से देख रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने पूरी व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है। विकास कार्य से लेकर जांच व सुनवाई तक भी इस संक्रमण के चलते प्रभावित है। लोकायुक्त कार्यालय भी इस संक्रमण के चलते पूरी तरह प्रभावित है। यहां सुनवाई तो बंद है ही, किसी फाइल पर कोई विचार ही नहीं हो रहा है और न ही कोई जांच ही हो रही है। अब भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाले अधिकारी जांच के लिए समय मांग रहे हैं। लोकायुक्त कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायतों से ज्यादा जांच अधिकारियों के आग्रह पत्र आ रहे हैं कि उन्हें जांच के लिए वे समय मांग रहे हैं। लोकायुक्त कार्यालय में करीब 1100 केस लंबित हैं। इनमें से कइयों की जांच रिपोर्ट तो आ चुकी है, लेकिन अब भी पांच सौ से अधिक केस ऐसे हैं, जिसमें जांच रिपोर्ट आना बाकी है।
चिट्ठी भी लेने से इन्कार कर रहे विभाग
सरकारी दफ्तरों में भी कोरोना वायरस का खौफ इस कदर हावी है कि साथ में काम करने वाले को भी दूसरा साथी शक की नजर से देख रहा है। राज्य सरकार के कुछ दफ्तर दोपहर दो बजे तक खुले हैं, जहां कर्मियों-पदाधिकारियों की 50 फीसद ही उपस्थिति रह रही है। लोकायुक्त कार्यालय से कोई चिट्ठी संबंधित विभाग को भेजी भी जाती है तो वहां मौजूद कर्मी-पदाधिकारी चिट्ठी लेने से इन्कार कर देता है। नतीजा यह हो रहा है कि पत्र वापस लौट रहे हैं।
अभी रोस्टर में आ रहे हैं पदाधिकारी-कर्मी
लोकायुक्त कार्यालय में अभी रोस्टर प्रक्रिया से पदाधिकारी-कर्मी आ रहे हैं। दो बजे कार्यालय का शटर बंद हो जाता है और सभी वापस हो जाते हैं। कोरोना का दहशत यहां सिर चढ़कर बोल रहा है। लोकायुक्त कार्यालय में भी कई कर्मी संक्रमित हैं। उनका परिवार भी इस वायरस का प्रकोप झेल रहा है।