अब रिम्‍स में दवा की कमी की जानकारी ऑनलाइन मिल पाएगी, OPD और ब्‍लड बैंक की सूची भी सुलभ

Jharkhand Hindi News RIMS Ranchi News रिम्‍स में ई-सिस्टम लागू हाेने के बाद इस तरह की समस्या से निजात मिल सकेगी। डाक्टरों से उन सभी दवाओं की सूची मांगी गई है जिन्हें वे मरीजों को देते हैं ताकि उसकी खरीदारी भी पहले की जा सके।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:34 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:43 PM (IST)
अब रिम्‍स में दवा की कमी की जानकारी ऑनलाइन मिल पाएगी, OPD और ब्‍लड बैंक की सूची भी सुलभ
Jharkhand News, RIMS Ranchi News रिम्‍स में ई-सिस्टम लागू हाेने के बाद इस तरह की समस्या से निजात मिल सकेगी।

रांची, जासं। रांची के रिम्स अस्‍पताल में ई-सिस्टम लागू हो जाने के बाद यहां भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। रिम्स में सबसे बड़ी समस्या दवा को लेकर है। यहां भर्ती मरीजों को हर दवा नहीं मिलती है। इस कारण मरीजों को हर बार बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है। पिछले माह ही ब्लैक फंगस की मरीज उषा देवी के परिवार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और एक माह के अंदर 40 हजार की दवा खरीदने का बिल दिखाया गया। इसके बाद न्यायालय ने प्रबंधन को इस संबंध में जमकर फटकार भी लगाई। यह हाल हर विभाग का है, जहां के मरीजों को दवा बाहर से ही खरीदकर लानी पड़ती है।

ई-सिस्टम लागू हाेने के बाद इस तरह की समस्या से निजात मिल सकेगी। जिस वार्ड में दवा की कमी होगी, वहां से इसकी जानकारी सेंट्रल टीम को ऑनलाइन दी जाएगी। इसके बाद इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ देर में ही दवा की आपूर्ति वहां की जा सकेगी। उपाधीक्षक त्रिपाठी ने बताया कि एक जगह पर मॉनिटरिंग होने से दवा की किल्लत जैसी समस्या का निदान होगा। साथ ही डाक्टरों से भी उन सभी दवाओं की सूची मांगी गई है, जिन्हें वे मरीजों को देते हैं, ताकि उसकी खरीदारी भी पहले की जा सके।

दोबारा जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी

मरीज को रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अलग-अलग विभाग में दोबारा जानकारी देने की आवश्यकता नहीं होगी। दूसरे विभाग में शिफ्ट होने की बाद भी डाक्टर सिस्टम पर मरीज की डिटेल और उन्हें दी जा रही दवाओं के बारे में जान सकेंगे। इस सिस्टम के तहत रिम्स के सभी विभागों में कंप्यूटर होंगे। यह साफ्टवेयर की सहायता से आपस में कनेक्ट रहेंगे। मरीजों को एक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा। सिस्टम में उसकी सभी जानकारी नंबर के साथ डाली जाएगी। मरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर से डाक्टर उसके बारे में सबकुछ जान सकेंगे। सिस्टम के कारण मरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर से परिजन आसानी से उसे ढूंढ़ सकेंगे।

सभी ओपीडी और ब्लड बैंक की सूची होगी हाथों में

ओपीडी में मरीजों की भीड़ की जानकारी, किस ओपीडी में कौन से डाक्टर होंगे, इसकी जानकारी भी आनलाइन मिल सकेगी। इसके अलावा ब्लड बैंक में खून की उपलब्धता की जानकारी डाक्टरों को बैठे-बैठे मिल सकेगी और उपलब्धता के अनुसार ही डाक्टर मरीजों के ऑपरेशन की तिथि तय करेंगे। साथ ही जेनरिक दवा दुकानों में भी मरीजों के अनुसार दवा उपलब्ध कराने पर ध्यान रखा जा सकेगा।

शुरू हो गई है टेंडर की प्रक्रिया

फिलहाल टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें आइटी संबंधी कंप्यूटर व अन्य सामग्रियों की खरीदारी होगी। इस कार्य को पूरा करने में अभी कितना वक्त लगेगा, इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। लेकिन प्रबंधन ने उम्मीद जताई है कि इस पूरे कार्य को इस वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।

रिम्‍स के निदेशक डा. कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि ई-सिस्टम लागू करने को लेकर कई वर्षों से योजना चल रही थी। लेकिन कोविड की वजह से इसमें देर हुई। अब इस नई व्यवस्था के तहत अस्पताल के सभी विभागों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इस नई व्यवस्था की शुरुआत होगी। इसके बाद विभागों में भर्ती मरीजों को जरूरत पड़ने पर तुरंत हर सुविधा मिल सकेगी। मालूम हो कि इस व्यवस्था को लेकर काफी पहले से तैयारी की जा रही थी।

आंकड़ों में रिम्स

सभी विंग में कुल बेड की संख्या - 2200

भर्ती मरीजों की संख्या - 3000

पेईंग वार्ड में बेड - 100

सबसे अधिक मरीज - मेडिसिन और न्यूरो

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