Jharkhand News: पीएल खाते में अब लंबे समय तक रह पाएगी राशि

नगर निगम जिला परिषद समेत राज्य सरकार से संबद्ध कई संस्थान अपने यहां जिन योजनाओं की राशि व्यय नहीं कर पाते हैं उन्हें पीएल खाते में रखते हैं और इस राशि को बाद के दिनों में खर्च करते हैं। सूत्रों के अनुसार विभिन्न विभागों की राशि को जोड़ लें।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:06 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:06 PM (IST)
Jharkhand News: पीएल खाते में अब लंबे समय तक रह पाएगी राशि
Jharkhand News: पीएल खाते में अब लंबे समय तक रह पाएगी राशि। जागरण

रांची [आशीष झा]। नगर निगम, जिला परिषद समेत राज्य सरकार से संबद्ध कई संस्थान अपने यहां जिन योजनाओं की राशि व्यय नहीं कर पाते हैं उन्हें पीएल खाते में रखते हैं और इस राशि को बाद के दिनों में खर्च करते हैं। सूत्रों के अनुसार विभिन्न विभागों की राशि को जोड़ लें तो यह आंकड़ा कुछ हजार करोड़ तक पहुंचता है। सरकार में वर्षों से चली आ रही इस व्यवस्था के लिए बनी नियमावली में दो वर्ष में राशि खर्च करने का प्रावधान है अन्यथा यह लैप्स हो जाती है।

अब तक इन दो वर्षों की गणना को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था। अधिकारी दो वर्ष की जगह दो वित्तीय वर्ष की गणना करते थे और कई बार चंद दिनों में ही एक वित्तीय वर्ष पूर्ण हो जाता था। कई विभाग 20 से 31 मार्च के बीच राशि को पीएल खाते में रखते थे लेकिन, कभी एक दिन तो कभी दस दिन में पहला वित्तीय वर्ष पूर्ण हो जा रहा था।

वित्त विभाग इन दो वर्षों की गणना को अब परिभाषित करने की तैयारी में है। विभाग ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है जिसके अनुसार दो वर्षों की गणना ट्रेजरी में जमा करने की तिथि से की जाएगी। नए रूप से परिभाषित करने के बाद इस राशि को अब पूरे दो वर्ष के लिए कभी भी इस्तेमाल की छूट होगी। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य के तमाम ट्रेजरी में वित्तीय वर्ष की शुरुआत में लगभग पांच हजार करोड़ रुपये जमा हो जाते हैं।

साल बीतते-बीतते इसमें से अधिकांश बजट का उपयोग भी हो जाता है। कुछ ही मामलों में यह राशि लैप्स होने की स्थिति आती है। लंबे समय से पीएल एकाउंट में राशि रखने की अवधि को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की बात उठ रही थी। अब इस अवधि को स्पष्ट तौर पर परिभाषित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव पर कैबिनेट से स्वीकृति ली जाएगी। तैयािरयों के अनुसार दो वर्ष की अवधि उस तारीख से गिनी जाएगी जिससे राशि जमा की गई थी।- अजय कुमार सिंह, वित्त सचिव।

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