500 वर्ष पुराने कल्पतरु वृक्ष को बचाने के लिए लगा बोर्ड, जानें इसका पौराणिक महत्व Palamu News
Kalpataru Tree मेदिनीनगर के बेलवाटिका में कल्पतरु वृक्ष को संरक्षित करने के लिए मेदिनीनगर नगर निगम के उप महापौर राकेश सिंह ने बोर्ड लगाया। रांची के डोरंडा में कल्पतरु के दो वृक्ष झारखंड उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में सुरक्षित हैं।
मेदिनीनगर (पलामू), जासं। Kalpataru Tree पलामू के स्थानीय बेलवाटिका चौक स्थित 500 वर्ष प्राचीन कल्पतरु के वृक्ष को संरक्षित करने के लिए रविवार को एक विशेष अभियान शुरू किया गया। वृक्ष के पास रविवार को एक सूचना पट स्थापित किया गया है। अभियान कार्यक्रम का उदृघाटन मेदिनीनगर नगर निगम के उप महापौर मंगल सिंह व वार्ड पार्षद प्रदीप अकेला ने संयुक्त रूप से किया। इसका आयोजन स्वयंसेवी संगठन सेसा के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेसा के महासचिव डाॅ. कौशिक मल्लिक, संचालन देवाशीष सेनगुप्ता व धन्यवाद ज्ञापन संजय कुमार ने किया।
मौके पर मंगल सिंह ने कहा कि विरासत को बचाना सभी का कर्तव्य बनता है। उन्होंने वृक्ष के चारों ओर चबूतरा के निर्माण व प्रकाश की व्यवस्था कराने का सुझाव दिया। कहा कि इस कार्य में उनका व्यक्तिगत सहयोग रहेगा। कहा कि पट के माध्यम से कल्पतरू वृक्ष के पौराणिक महत्व के बारे में लोगों को जानकारी मिलेगी। कौशिक मल्लिक ने बताया कि मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त 12 चीजों में से कल्पतरू का पौधा भी शामिल था। इसे भगवान इंद्र ने अपने बगीचे में लगाया था।
कल्पतरु के मुख्य तना की मोटाई के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि वृक्ष लगभग 500 वर्ष प्राचीन है। भारत में कल्पतरु के बहुत गिने चुने वृक्ष शेष रह गए हैं। झारखंड की राजधानी रांची में डोरंडा में कल्पतरु के दो वृक्ष झारखंड उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में सुरक्षित हैं। वृक्ष को इंग्लिश इमली के नाम से भी प्रसिद्धि मिली है। औषधीय महत्व के साथ-साथ पर्यावरण के ²ष्टिकोण से भी यह अति महत्वपूर्ण है ।
नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय उक्त वृक्ष पर बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के साथ सघन शोध कार्य प्रारंभ करे। कार्यक्रम में नगर पार्षद निरंजन कुमार, जितेन्द्र सिंह, अजय कुमार, ज्योति टोप्पो, अजय कुमार पांडेय, रविंद्र सिंह, सुदिपा हंस, विमला कुमारी, मनोज अग्रवाल, रंजन अग्रवाल, विजय कुमार सोनी उपस्थित थे।