सीएम के आदेश के 41 दिनों बाद भी 200 करोड़ रुपये के घोटाले पर चुप्पी

41 दिनों के बाद भी आदेश की कॉपी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) तक नहीं पहुंची है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 01:22 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 01:22 AM (IST)
सीएम के आदेश के 41 दिनों बाद भी 200 करोड़ रुपये के घोटाले पर चुप्पी
सीएम के आदेश के 41 दिनों बाद भी 200 करोड़ रुपये के घोटाले पर चुप्पी

राज्य ब्यूरो, राची : भ्रष्टाचार के खिलाफ जाच को लेकर अधिकारियों की शिथिलता पर लगातार प्रश्नचिन्ह उठते रहे हैं। अब आलम यह है कि जिस मामले में मुख्यमंत्री ने स्वयं संज्ञान लिया, उसकी जाच को लेकर भी अधिकारियों का रवैया गंभीर नजर नहीं आ रहा है। धनबाद नगर निगम में 200 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री ने एसीबी से जाच कराने के आदेश दिए थे, लेकिन 41 दिनों के बाद भी आदेश की कॉपी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) तक नहीं पहुंची है। नतीजा यह हुआ कि अब तक इस मामले में अनुसंधान शुरू नहीं हो सका है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गत एक जून को ही इस संबंध में एसीबी से जाच कराने का आदेश दिया था। मुख्यमंत्री को यह शिकायत मिली थी कि धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग दो सौ करोड़ रुपये का प्राक्कलन घोटाला हुआ है। 14वें वित्त आयोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं। इनमें पीसीसी सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी सहित कई खामिया होने की शिकायत की गई थी। यह भी शिकायत मिली थी कि 40 सड़कों में से 27 सड़कों का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदाधिकारियों के माध्यम से बनाया गया और इसके डीपीआर बनाने के एवज में कोई परामर्शी शुल्क का भुगतान किसी भी एजेंसी को नहीं किया गया। 13 सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेबर ब्लॉक आदि का प्रावधान होने की वजह से परामर्शी एजेंसी मेसर्स मास एंड व्वायड से इसका डीपीआर और डिजाइन तैयार कराया गया। महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल के निर्देश पर पूर्व से निर्मित पीसीसी सड़कों को तोड़कर तथा प्राक्कलित राशि कई गुणा बढ़ाकर फिर से उन्हीं सड़कों का ही निर्माण कराया गया। पीसीसी सड़कों की गुणवत्ता निम्नस्तरीय है। आरोप है कि महापौर ने परामर्शी कंपनी को शुल्क के रूप में बढ़े हुए प्राक्कलन के अनुसार मोटी रकम देकर 50 फीसद वसूला।

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