कैरा बिहार गांव में किसी को नहीं हुआ कोरोना, यहां सभी रहते बिंदास Ramgarh News
Ramgarh COVID Update Corona Special News गांव में कोई भी मास्क नहीं लगाता है और न ही शारीरिक दूरी का पालन किया जाता है। गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। न कोई जनप्रतिनिधि और न कोई अधिकारी कभी गांव आते हैं।
कैरा बिहार (रामगढ़), [दिलीप कुमार सिंह]। Ramgarh COVID Update, Corona Special News जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों,... यह गीत बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन अभिनीत 1981 में आई फिल्म लावारिस का है, पर यह गीत 41 वर्ष बाद भी पूरी तरह कैरा बिहार गांव पर फिट बैठती है। यह गांव शहर से पांच-सात किमी दूर दामोदर नदी तट के समीप छावनी परिषद अधीनस्थ वार्ड सात के अंतर्गत आता है। यहां सड़क, बिजली और पानी के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार की सुविधा भी नहीं है। वर्तमान समय में जब पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर त्राहिमाम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर यह आदिवासी बाहुल्य गांव पूरा बिंदास है।
यहां की आबादी करीब दो सौ है। यहां पर ज्यादातर मजदूर, किसान रहते हैं। इस गांव के लोगों को कोरोना का कोई भय नहीं हैं, लोग आम जिंदगी जी रहे हैं। यहां तक कि किसी भी ग्रामीण ने कोविड-19 का वैक्सीन तक नहीं लिया है। सभी वर्तमान व आनेवाले भय से पूरी तरह बेपरवाह होकर रह रहे हैं। मास्क तक नहीं लगाते और न ही शारीरिक दूरी की बात को जानते हैं। उससे भी आश्चर्य यह कि इस गांव में एक भी ऐसा इंसान नहीं है जिसे कोरोना हुआ हो। सभी बिंदास होकर रहते हैं। सुबह की पहली किरण के साथ उठते ही अपने-अपने काम में लग जाते हैं। गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है।
स्वास्थ्य सुविधा भी नहीं है। बीमार हो गए तो ऊपर वाला ही बचाएगा। क्योंकि यहां कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। उन्हें शहर का मुंह देखना पड़ता है। गांव में एक भी सहिया तक नही हैं। यहां कटेलिया बेडा गांव की सहिया से काम चलता है। गांव में न किसी ग्रामीण को कोविड का टीका लगा है और न ही कोई शिविर या प्रचार वाहन पहुंचा है। न जनप्रतिनिधि, या कोई अधिकारी कभी गांव आते हैं। गांव के ही बुजुर्ग महेश बेदिया कहते हैं कि यह गांव पूरी तरह आदिवासियों का गांव है।
किसी ने भी टीका नहीं लिया है। मास्क भी नहीं लगाते हैं क्योंकि खतरा क्या है, उसकी जानकारी उन्हें पूरी तरह नहीं है। चापानल से पानी लेने आई पार्वती देवी व प्राथमिक विद्यालय कैरा बिहार के शिक्षक जीतन बेदिया ने कहा कि किसी को कोरोना नहीं हुआ है। इस गांव में कोई नहीं आता है। बस चुनाव के समय कुछ लोग आते हैं और बड़ी-बड़ी बातें कर चले जाते हैं। इसीलिए सभी चुप रहते हैं, कौन सुनेगा और किसको सुनाएंगे। ऊपर वाला है ना...।
टीकाकरण को लेकर गांव में भ्रम
गांव के ग्रामीणों ने बातचीत में कहा कि टीका किसी को नहीं लगा है, न ही किसी ग्रामीण ने कहीं जाकर टीका लगवाया है। यहां शिविर तक नहीं लगा है। क्योंकि गांव के लोग कहते हैं कि टीका लेने के बाद मृत्यु हो जाएगी। यह बात पूरे गांव में फैली हुई है। हर कोई इस बात को कहता है। इस गांव में न तो प्रचार वाहन पहुंचा है और न किसी ने इन्हें कोविड-19 के बारे में विस्तार से बताया है। एक-दो युवकों को मोटरसाइकिल चलाते हुए मास्क पहने हुए देखा जा सकता है। वह भी इसलिए कि गांव के बाहर जहां जाते हैं, वहां पर मास्क की चेकिंग होती है।