अर्जुन मुंडा को छोड़ किसी भी भाजपा नेता ने नहीं की द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात, राजनीतिक गलियारे में चर्चा
Farewell to Draupadi Murmu Jharkhand News बात-बात पर शिकायत लेकर राजभवन पहुंचने वाले भाजपा नेताओं ने संविधान प्रमुख से शिष्टाचार भेंट नहीं की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के सम्मान में भोज दिया और एयरपोर्ट तक छोड़ने भी गए।
रांची, राज्य ब्यूरो। सप्ताह में औसतन दो बार राज्य सरकार के खिलाफ शिकायत लेकर राजभवन पहुंचने वाले झारखंड के भाजपा नेताओं ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की विदाई के वक्त उनसे शिष्टाचार मुलाकात तक करना मुनासिब नहीं समझा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को छोड़ दें तो किसी भी भाजपा नेता ने पिछले तीन दिनों में उनसे शिष्टाचार भेंट नहीं की। जबकि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न सिर्फ राज्यपाल के सम्मान में भोज दिया, बल्कि उन्हें छोड़ने के लिए एयरपोर्ट तक गए।
सत्ता पक्ष के अन्य नेताओं ने भी अलग-अलग समय पर राज्यपाल से मुलाकात की। वरिष्ठ विधायक सरयू राय भी राजभवन पहुंचे। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्यपाल से मुलाकात तो की, लेकिन यह मुलाकात उन्होंने भाजपा नेता के तौर पर नहीं, बल्कि रांची विश्वविद्यालय सीनेट के पूर्व सदस्य के रूप में की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास समेत किसी भी शीर्ष नेता ने राज्यपाल से मुलाकात नहीं की।
रांची सांसद संजय सेठ ने भी शिष्टाचार भेंट नहीं की। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को छोड़कर भाजपा के किसी भी नेता के राज्यपाल से न मिलने के राजनीतिक मायने भी राजनीतिक गलियारे में तलाशे जा रहे हैं। वजह पार्टी के पाॅलिटिकल एजेंडे को राजभवन का पूरा सपोर्ट न होना बताया जा रहा है। भाजपा की पिछली सरकार में राज्यपाल ने सीएनटी एक्ट में संशोधन से जुड़ी फाइल वापस कर दी थी, जिससे राजभवन और राज्य सरकार के बीच कुछ तल्खी भी बढ़ी थी।
हाल के दिनों में भाजपा द्वारा राज्यपाल से मुलाकात के दौरान उठाए गए तमाम मु्द्दों पर भी राजभवन का रुख वर्तमान सरकार को लेकर बहुत तल्ख नहीं रहा। राजभवन के कार्य करने का अपना ही अंदाज रहा, जो प्रमुख विपक्षी दल भाजपा को अखरा। राज्यपाल से मुलाकात न कर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने परोक्ष तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।