Niti Aayog Meeting: हेमंत सोरेन बोले- समस्याओं के हिसाब से बने कार्ययोजना, एसटी-एससी के लिए हो अलग नीति

Niti Aayog Meeting in Jharkhand CM Hemant Soren नीति आयोग के साथ बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विकास से जुड़े विषयों पर विचार रखे। कोयला ऊर्जा रेलवे राजस्व जल संसाधन ग्रामीण विकास सिविल एविएशन परिवहन से जुड़े विषयों पर चर्चा की।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 09:28 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 10:04 AM (IST)
Niti Aayog Meeting: हेमंत सोरेन बोले- समस्याओं के हिसाब से बने कार्ययोजना, एसटी-एससी के लिए हो अलग नीति
Niti Aayog Meeting in Jharkhand, CM Hemant Soren नीति आयोग के साथ बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की समस्याओं और जरूरतों के हिसाब से नीति तैयार करने की बात कही है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को रांची में नीति आयोग की बैठक के दौरान राज्य के विकास से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस क्रम में समस्याओं का समाधान तलाशने की कोशिश की गई। इस दौरान 22 विभागों की ओर से दिए गए प्रस्तावों और मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि संघीय ढांचा होने के कारण केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय से विकास को गति दी जा सकती है।

समस्याओं का बेहतर समाधान भी निकाला जा सकता है। इससे जुड़ी योजनाओं और नीतियों के निर्माण और निर्धारण में नीति आयोग की अहम भूमिका है। बुधवार को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े केंद्र सरकार के वरीय पदाधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों से जुड़े मसलों पर सकारात्मक विचार-विमर्श हुआ। इसमें राज्य के 22 विभागों के प्रस्तावों और मुद्दों पर चर्चा हुई।

राज्य के पास सीमित संसाधन, कई चुनौतियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास सीमित संसाधन हैं, लेकिन चुनौतियां कई हैं। ऐसे में राज्य सरकार की जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार को सहयोग करने की जरूरत है, ताकि इन चुनौतियों से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य की समस्याओं को समझते हुए उसी के हिसाब से नीति और कार्ययोजना बनाई जाए, ताकि विकास को गति और नई दिशा मिल सके।

खनिजों से संबंधित परियोजनाएं राज्य में स्थापित करने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों के मामले में काफी धनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर खनिज यहां है, तो उससे आधारित प्रोजेक्ट को भी यहीं स्थापित किया जाना चाहिए। इससे राज्य के विकास के साथ यहां के लोगों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

खनन क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक सर्वेक्षण हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के खनन क्षेत्रों में कई तरह की समस्याएं हैं। यहां रहने वाले लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में इन इलाकों पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक सर्वे समय-समय पर किया जाना चाहिए। इससे पता चल सकेगा कि यहां रहने वाले लोगों के जीवन में क्या बदलाव आ रहा है। उन्हें सरकार की योजनाओं का सही से लाभ मिल रहा है या नहीं।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सहयोग मिले

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति बाहुल्य राज्य है। लेकिन, वे काफी पिछड़े हुए हैं। अनुसूचित जाति और जनजातियों को आगे बढ़ने का मौका मिले, इसके लिए उन्हें केंद्र से भी पूरा सपोर्ट दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जातियों के लिए अलग से पालिसी बनाई जाए, ताकि उनके विकास से जुड़ी कार्ययोजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में खनिजों और उद्योगों के लिए भूमि का जो अधिग्रहण हो रहा है, उससे सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हो रहे हैं। वे किसान की बजाय खेतिहर मजदूर हो गए हैं। ऐसे किसानों को भी सहयोग देने की दिशा में ठोस पहल होनी चाहिए।

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