Nishikant Dubey Vs Deoghar DC: झारखंड में बरपा हंगामा... MP निशिकांत दूबे और IAS मंजूनाथ में आर-पार की लड़ाई
Nishikant Dubey Vs Deoghar DC भाजपा सांसद निशिकांत दूबे और देवघर डीसी के बीच विवाद गहरा गया है। देवघर में निशिकांत दूबे के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की पांच प्राथमिकी दर्ज होने के चलते राजनीतिक तपिश बढ़ गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Nishikant Dubey Vs Deoghar DC गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे के खिलाफ देवघर में पांच प्राथमिकी दर्ज होने संबंधी विवाद से मंत्रिमंडल निर्वाचन आयोग ने पल्ला झाड़ लिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रविकुमार ने कहा कि इस मामले को भारत निर्वाचन आयोग स्वयं अपने स्तर से देख रहा है। जो भी कार्रवाई होगी आयोग के स्तर से होगी। इसमें राज्य के मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग की कोई भूमिका नहीं है।
उधर इस विवाद ने मंगलवार को तूल पकड़ लिया। भाजपा जहां निशिकांत दूबे के समर्थन में शिकायत करने मंत्रिमंडल निर्वाचन आयोग के दफ्तर पहुंची, वहीं जामताड़ा के विधायक और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष डा. डाक्टर इरफान अंसारी देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के पक्ष में खड़े हो गए। उन्होंने कहा है कि देवघर के उपायुक्त कानून के तहत कार्रवाई कर रहे हैं।
उन्होंने सांसद को हल्का आदमी बताते हुए नसीहत दी कि वे कानून का सम्मान करें और प्रशासनिक अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाना बंद करें। उन्हें कानूनी कार्रवाई में बाधा पैदा नहीं करना चाहिए। यह भी कहा कि उन्हें सांसद पद की मर्यादा का ख्याल नहीं है। जनता उन्हें नकार चुकी है। यही वजह है कि वे गोड्डा की बजाय देवघर में अधिक समय देते हैं। सांसद निशिकांत दुबे पर देवघर के नगर, मधुपुर, देवीपुर और चितरा थाने में पांच अलग-अलग मामले दर्ज हुए हैं। ये सभी मामले बीडीओ, जिला संपर्क अधिकारी के बयान पर दर्ज किए गए हैं।
उधर प्रदेश भाजपा के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार से मुलाकात कर देवघर जिला प्रशासन की शिकायत की। प्रतिनिधिमंडल ने सांसद निशिकांत दुबे पर एक दिन में दर्ज कराई गई पांच प्राथमिकी का विरोध किया और राज्य निर्वाचन पदाधिकारी से आग्रह किया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि देवघर जिला प्रशासन सत्ताधारी गठबंधन दलों के फ्रंटलाइन वर्कर की तरह काम कर रहा है। सांसद के खिलाफ की गई कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित है। आज न कोई आचार संहिता लागू है और न हीं कोई चुनाव हो रहा, फिर भी महीनों पुराने ट्वीट को आधार बनाकर प्राथमिकी दर्ज कराना एक चुने हुए जन प्रतिनिधि को जानबूझकर परेशान व अपमानित करने की मानसिकता को दर्शाता है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश महामंत्री डा. प्रदीप वर्मा ने किया।