निशिकांत दुबे ने अदालत से कहा, किसी की भावना को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं
सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल निषेधात्मक आवेदन पर मंगलवार को सुनवाई।
जागरण संवाददाता, रांची : सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल निषेधात्मक आवेदन पर मंगलवार को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से सब जज वन वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में पक्ष रखा गया। निशिकांत दुबे की ओर से हाइकोर्ट के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय की ओर से जवाब दाखिल करते हुए कहा गया कि किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की नीयत से सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं की गई। वही बातें कहीं जो सार्वजनिक हैं। ट्वीट करके सिर्फ मामले की जांच की मांग की गई।
मालूम हो कि बीते दिनों सांसद निशिकांत दुबे पर सीएम के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई पोस्ट करने का आरोप लगा था। इस मामले में सीएम की ओर से गत चार अगस्त को सांसद निशिकांत दुबे, फेसबुक और ट्विटर पर 100-100 करोड़ रुपये मानहानि का दावा किया गया था। साथ ही, अदालत में निषेधात्मक आवेदन दाखिल कर भविष्य में इस प्रकार की टिप्पणी से रोकने के लिए भी आवेदन दाखिल किया गया था।
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प्रतिवादियों ने निषेधात्मक आवेदन पर ही दिया जवाब, मानहानि पर चुप्पी
गत 13 अक्टूबर को प्रतिवादी निशिकांत दुबे और फेसबुक ने निषेधात्मक आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा था। इसपर अदालत की ओर से 20 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की थी। हालांकि, सीएम के अधिवक्ता अदालत में उपस्थित नहीं थे।
अब इस मामले में वादी हेमंत को जवाब देने के लिए तारीख निर्धारित की गई है जबकि मानहानि के मुकदमे में लिखित बयान नहीं दायर किया गया। दोनों मामलों की सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर निर्धारित की गई है।