एनआइए ने मानव तस्करी के किगपिन पन्ना लाल सहित चार पर किया चार्जशीट

रांची झारखंड में मानव तस्करी के मामलों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शनिवार को मानव तस्करी के किगपिन पन्ना लाल महतो सहित चार अभियुक्तों पर रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में चार्जशीट फाइल किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 07:01 PM (IST)
एनआइए ने मानव तस्करी के किगपिन पन्ना लाल सहित चार पर किया चार्जशीट
एनआइए ने मानव तस्करी के किगपिन पन्ना लाल सहित चार पर किया चार्जशीट

रांची : झारखंड में मानव तस्करी के मामलों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शनिवार को मानव तस्करी के किगपिन पन्ना लाल महतो सहित चार अभियुक्तों पर रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में चार्जशीट फाइल किया है। अभियुक्तों में पन्ना के अलावा उसकी पत्नी सुनीता देवी, भाई शिवशंकर गंझू उर्फ शिव शंकर महतो उर्फ शंकर व सहयोगी गोपाल उरांव शामिल हैं।

पन्ना लाल महतो को 18 जून 2019 को खूंटी जिले की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसका भाई शिव शंकर गंझू इसी माह चार फरवरी को गिरफ्तार हुआ था। पन्ना की पत्नी सुनीता देवी व गोपाल अभी एनआइए की गिरफ्त से बाहर हैं। जांच एजेंसी ने उन्हें वांटेड घोषित कर रखा है। आरोप है कि अभियुक्तों ने मानव तस्करी की और इससे करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। चारों अभियुक्तों पर आरोप है कि प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से इन लोगों ने झारखंड की बच्चियों की तस्करी की। इनकी दो प्लेसमेंट एजेंसी मेसर्स लक्ष्मी प्लेसमेंट सर्विस व बिरसा सिक्यूरिटी एंड प्लेसमेंट एजेंसी हैं। इन दोनों प्लेसमेंट एजेंसियों को पन्ना लाल महतो संचालित करता था।

खूंटी के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट (एएचटीयू) थाने में 19 जुलाई 2019 को दर्ज मानव तस्करी के एक केस को टेकओवर करते हुए एनआइए ने चार मार्च 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी। खूंटी पुलिस ने एएचटीयू वाले केस में ही पन्ना लाल महतो को गिरफ्तार किया था। एनआइए के अनुसंधान में यह जानकारी मिली है कि अभियुक्त पन्ना लाल महतो व उसकी पत्नी सुनीता देवी ने मिलकर दिल्ली में तीन प्लेसमेंट एजेंसी से बड़े पैमाने पर मानव तस्करी की है। ये तस्कर झारखंड से गरीब व निर्दोष नाबालिग बच्चे-बच्चियों को नौकरी दिलाने के नाम पर ले जाते हैं और दिल्ली तथा आसपास के राज्यों में उनका सौंदा कर देते हैं। वहां उनका शोषण होता है।

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