पटना के गांधी मैदान में बम विस्फोट के बाद रांची में खुली थी NIA की शाखा Ranchi News
National Investigation Agency Branch इंडियन मुजाहिद्दीन के आधा दर्जन से अधिक आतंकियों को एनआइए ने गिरफ्तार किया था। टेरर फंडिंग व आतंकी गतिविधियों के अनुसंधान की बढ़ती जिम्मेदारियों की वजह से एनआइए की शाखा रांची में खुली थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में बम ब्लास्ट के बाद रांची में खोली गई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की शाखा को स्वतंत्र प्रभार देने की तैयारी पिछले कई वर्षों से चल रही थी। पटना बम ब्लास्ट के बाद जब रांची में एनआइए की शाखा खुली, ब्लास्ट से जुड़े इंडियन मुजाहिद्दीन के आधा दर्जन से अधिक आतंकी रांची के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किए गए थे।
इतना ही नहीं, दूसरे जिलों से भी इंडियन मुजाहिद्दीन, अलकायदा, सिमी से जुड़े आतंकी और उनके स्लीपर सेल की जानकारी एनआइए को मिली और कई गिरफ्तारियां भी हुईं। रांची में एनआइए की शाखा खुलने के बाद झारखंड सरकार के अनुरोध पर नक्सलियों के टेरर फंडिंग मामले की जांच की जिम्मेदारी भी एनआइए को मिली। इतना ही नहीं, झारखंड के बहुचर्चित तमाड़ के पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने की जिम्मेदारी भी एनआइए को मिली।
एनआइए ने इस मामले में महत्वपूर्ण सुराग और साक्ष्य एकत्रित कर पूर्व मंत्री राजा पीटर को सलाखों के पीछे पहुंचाया। नक्सलियों को फंडिंग के मामले में भी एनआइए के हाथ काफी सबूत लगे हैं। एनआइए के पास जांच के लिए दर्जनभर से अधिक मामले हैं। एनआइए की रांची शाखा रायपुर के अधीन संचालित होने की वजह से अनुसंधान पदाधिकारी को रांची से रायपुर तक की दौड़ लगानी पड़ती थी। अब एनआइए के एसपी रांची में बैठेंगे तो अनुसंधान में तेजी आएगी। सूचनाओं पर शीघ्र निर्णय के साथ एक्शन भी होगा।