तीन घंटे तक एंबुलेंस में तड़पता रहा नवजात, आक्सीजन नहीं मिलने से हो गई मौत

रांची बुधवार की दोपहर एक बजे सदर अस्पताल में एक नवजात ने जन्म लिया। स्थिति गंभीर होने पर रिम्स भेजा गया। लेकिन यहां आक्सीजन नहीं मिलने पर नवजात ने दम तोड़ दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:16 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:16 PM (IST)
तीन घंटे तक एंबुलेंस में तड़पता रहा नवजात, आक्सीजन नहीं मिलने से हो गई मौत
तीन घंटे तक एंबुलेंस में तड़पता रहा नवजात, आक्सीजन नहीं मिलने से हो गई मौत

अमन मिश्रा, रांची : बुधवार की दोपहर एक बजे सदर अस्पताल में एक नवजात ने जन्म लिया। स्थिति गंभीर थी इसलिए उसे रिम्स भेजा गया। रिम्स में परिजन नवजात को एंबुलेंस में लेकर बैठे रहे। ट्रालीमैन यह कहकर टालता रहा कि अभी आक्सीजन सिलेंडर खाली नहीं है। जब तक नवजात को एंबुलेंस से उतारा गया तब तक उसने दम तोड़ दिया। पूरे मामले में रिम्स के ट्रालीमैन व प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है।

रिम्स के सूत्रों ने बताया कि रिम्स में आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा कार्यरत कुछ ट्रालीमैन एंबुलेंस से उतारकर इमरजेंसी में शिफ्ट करने के एवज में मरीज के परिजनों से 200 से 500 रुपये की मांग करते हैं। जबतक पैसे नहीं मिलते तब तक कभी ट्राली खाली नहीं, तो कभी आक्सीजन की उपलब्धता नहीं है बताकर गंभीर मरीजों को एंबुलेंस में ही छोड़ देते हैं। पैसे मिलने के बाद वे उन्हें इमरजेंसी में शिफ्ट करते है। इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. निशिथ एक्का ने भी बताया कि कई बार इस तरह की शिकायत मिल चुकी है।

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क्या था पूरा मामला : दरअसल, बुधवार को सदर अस्पताल में आजाद बस्ती की रहने वाली सिम्पी परवीन ने एक नवजात को जन्म दिया। जन्म के समय से ही बच्चे को हिचकी आने लगी। स्थिति बिगड़ती देख उसे रिम्स रेफर कर दिया गया। नवजात की नानी शबनम परवीन उसे लेकर रिम्स पहुंची। तीन घंटे तक ट्रालीमैन ने नवजात को एंबुलेंस से नहीं उतारा। काफी हंगामे के बाद जब एंबुलेंस से उतारा गया तब तक नवजात ने दम तोड़ दिया। नानी ने रिम्स प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया जाता तो उसकी जान बच जाती।

आक्सीजन होने के बाद भी ट्रालीमैन ने कहा-उपलब्ध नहीं है

नानी शबनम परवीन ने कहा कि दो बजे से ही वे सभी ट्रालीमैन व सुरक्षाकर्मियों से नवजात को भर्ती करने की गुहार लगा रहे थे। लेकिन ट्रालीमैन ने आक्सीजन सिलेंडर नहीं होने की बात बताकर एंबुलेंस में ही इंतजार करने की बात कही। तीन घंटे तक परिजन लगातार प्रयास करते रहे लेकिन किसी ने सूध नहीं ली। जबकि करीब पांच बजे जब सिस्टर इंचार्ज से आक्सीजन की उपलब्धता के बारे जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध थी लेकिन ट्रालीमैन ने उन्हें इमरजेंसी में सूचना तक नहीं दी।

उधर, नवजात को जन्म देने के बाद मां की भी स्थिति गंभीर होने पर उसे सदर अस्पताल में ही भर्ती रखा गया था। बच्चे की मौत की सूचना मिलने के बाद अस्पताल में रो-रोकर मां का भी बुरा हाल है।

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परिजनों ने इमरजेंसी में किया हंगामा : नवजात की मौत के बाद प्रभारी अधीक्षक डा. डीके सिन्हा व उपाधीक्षक डा. संजय कुमार इमरजेंसी का निरीक्षण करने पहुंचे। परिजनों को सूचना मिलने पर उन्होंने इमरजेंसी में आकर काफी देर हो-हंगामा किया और ट्रालीमैन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की। अधीक्षक ने संबंधित ट्राली व सुरक्षा इंचार्ज और सिस्टर इंचार्ज को बुलाकर मामले की जानकारी ली। उन्होंने ट्रालीमैन पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। क्या कहना है इमरजेंसी के सिस्टर इंचार्ज का

पर्याप्त मात्रा में था ऑक्सीजन सिलेंडर व फ्लो मीटर। ट्रालीमैन आते तब तो उपलब्ध कराया जाता।

क्या है परिजनों का आरोप

1 बजे सदर अस्पताल में बच्चे का जन्म हुआ। स्थिति गंभीर होने पर 2 बजे रिम्स भेजा। 5 बजे तक आक्सीजन नहीं है कहकर टालते रहे ट्रालीमैन। तीन घंटे तक क्यों नहीं लिया गया भर्ती। नवजात को तीन घंटे तक आक्सीजन नहीं मिलने के कारण एंबुलेंस में ही रहना पड़ा। इस क्रम में नवजात की मौत हो गई। मामला संज्ञान में आया है। यह बड़ी लापरवाही है। इमरजेंसी निरीक्षण के दौरान ही जांच का आदेश दिया गया है। जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

-डा. डीके सिन्हा, प्रभारी अधीक्षक, रिम्स।

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