Jharkhand: नए उद्यमियों को पांच साल से नहीं मिली जीएसटी प्रतिपूर्ति

पिछली बार 2016 में पांच वर्षों के लिए बनी उद्योग नीति को झारखंड में औद्योगिक विकास के लिए अहम माना गया। इसी के तहत मोमेंटम झारखंड का आयोजन हुआ और सैकड़ों की संख्या में नए उद्यमी झारखंड में निवेश के लिए आगे आए। नीति तो बदली लेकिन नीयत नहीं।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:19 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:19 AM (IST)
Jharkhand: नए उद्यमियों को पांच साल से नहीं मिली जीएसटी प्रतिपूर्ति
Jharkhand: नए उद्यमियों को पांच साल से नहीं मिली जीएसटी प्रतिपूर्ति। जागरण

रांची [आशीष झा]। पिछली बार 2016 में पांच वर्षों के लिए बनी उद्योग नीति को झारखंड में औद्योगिक विकास के लिए अहम माना गया। इसी के तहत मोमेंटम झारखंड का आयोजन हुआ और सैकड़ों की संख्या में नए उद्यमी झारखंड में निवेश के लिए आगे आए। नीति तो बदली लेकिन नीयत नहीं। व्यवसायियों से जीएसटी कटौती के एवज में 80 फीसद तक प्रतिपूर्ति का वादा किया गया था लेकिन इसकी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई। जीएसटी कटौती से संबंधित साफ्टवेयर में भी इससे संबंधित कोई कॉलम नहीं है। नतीजा यह हुआ कि आज पांचवें वर्ष में भी व्यवसयियों को जीएसटी कटौती के एवज में प्रतिपूर्ति राशि नहीं मिल रही है। बकाया करोड़ों में पहुंच गया है। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि व्यवसाय जगत का भरोसा व्यवस्था के प्रति कमजोर हुआ है।

राज्य में एक बार फिर उद्योग नीति तैयार करने को लेकर कवायद चल रही है। एक बार फिर झारखंड में निवेश करने वाले नए व्यवसायियों को ढेरों लुभावने ऑफर दिए जाएंगे लेकिन पुरानी की भरपाई नहीं की गई तो विश्वास का माहौन बनाना मुश्किल होगा। पिछली बार उद्योग नीति के तहत जीएसटी पर 80% तक रिफंड का वादा किया गया था लेकिन 2017 के बाद से इस राशि की प्रतिपूर्ति नहीं की गई है। उद्योग विभाग ने नियमावली तो बना ली लेकिन ना तो अधिसूचना जारी हुई और ना ही जीएसटी पर छूट के लिए साफ्टवेयर में फार्मूला निर्धारित। नतीजा यह रहा कि व्यापारियों ने जीएसटी का भुगतान तो कर दिया लेकन वापसी राशि नहीं मिली। इसके बावजूद व्यापारियों ने क्लेम किया है जिससे संबंधित फाइल एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तक भटकती फिर रही है।

दूसरे राज्यों में भी हुई है कटौती

कई व्यवसायियों और कंपनियों के उत्पाद झारखंड के अलावा दूसरे राज्यों में भी बिकी है। राज्य सरकार ने स्टेट जीएसटी पर छूट देने की बात कही थी। ऐसे में बिहार या पश्चिम बंगाल में जो उत्पाद बिके उसके एवज में जीएसटी कटौती का लाभ कंपनियों को कैसे मिलेगा, इस पर लगातार मंथन चल रहा है।बनी है तीन विभागों की कमेटी

इस मामले के निष्पादन के लिए तीन विभागों की कमेटी बनी है। इसके वित्त विभाग, वाणिज्यकर विभाग और उद्योग विभाग के उप निदेशक स्तर के अधिकारी हैं जो पूरे मामले का अध्ययन कर सरकार से अनुशंसा करेंगे कि कैसे व्यापारियों से किए गए वादे को पूरा किया जाए। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में बकाया राशि दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और व्यवसायी इसके लिए सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। अगर पुराने वादे पूरे नहीं होते तो व्यवसायियों के लिए नई नीति पर विश्वास करना बहुत संभव नहीं हो सकेगा।

chat bot
आपका साथी