किडनी रोगियों को दिल्ली-मुंबई जाने की जरूरत नहीं, रिम्स में खुला नेफ्रोलॉजी विभाग
रांची किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अच्छी खबर है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में नेफ्रोलॉजी विभाग की शुरुआत हुई है।
जागरण संवाददाता, रांची : किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अच्छी खबर है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में नेफ्रोलॉजी विभाग की शुरुआत हो गई। अब रिम्स में ही नियमित रूप से नेफ्रोलॉजी का ओपीडी चलेगा। नियमित डायलिसिस होगी। साथ ही जब डोनर उपलब्ध होगा तो निश्शुल्क किडनी ट्रांसप्लांट भी किया जाएगा। 60 सालों में पहली बार रिम्स में नेफ्रोलॉजी विभाग का खुलना एक तरह से सौगात की तरह है। अब किडनी रोगियों को दिल्ली-मुंबई जैसे बड़ों शहरों में जाने की जरूरत नहीं पडे़गी।
रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने नेफ्रोलॉजी विभाग की शुरुआत की। स्वास्थ्य मंत्री ने नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में डॉ. प्रज्ञा पंत घोष का रिम्स से जुड़ने के लिए आभार जताया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोशिश होगी कि जल्द से जल्द मरीजों को बेहतर डायलिसिस की सुविधा मिल सके। उन्होंने नेफ्रोलॉजी विभाग शुरू होने के लिए रिम्स निदेशक और अधीक्षक समेत उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उद्घाटन समारोह में सांसद संजय सेठ और कांके विधायक समरी लाल भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजीत ने किया। मौके पर रिम्स के निदेशक डॉ. डीके सिंह, रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ प्रज्ञा पंत घोष समेत अन्य वरीय अधिकारी और चिकित्सक उपस्थित थे। ऐसे काम करेगा नेफ्रोलॉजी विभाग
ओपीडी का संचालन सप्ताह में तीन दिन होगा।
इस दौरान मरीज ओपीडी पहुंच कर अपना इलाज करा सकेंगे।
नेफ्रोलॉजी विभाग का संचालन सुपर स्पेशियलिटी विंग स्थित यूरोलॉजी विभाग में किया जाएगा।
मरीजों की संख्या बढ़ने पर अलग से विभाग तैयार किया जाएगा।
अस्पताल में डायलिसिस नेफ्रोलॉजिस्ट की देखरेख में होगी।
ट्रॉमा सेंटर में वर्तमान में डायलिसिस की चार मशीनें इंस्टॉल है।
यह संख्या बढ़ाकर 10 की जाएगी।
पुरानी डायलिसिस यूनिट में भी मरीजों की डायलिसिस होगी। राज्य सरकार रिम्स में किडनी से संबंधित तमाम सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है ताकि गरीबों को अपने खर्च पर बाहर दूसरे राज्य या निजी अस्पताल न जाना पड़े। रिम्स में राज्य के मरीजों को कम से कम खर्च पर यह सुविधा मिल पाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना, आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य लाभ योजना के तहत मरीजों को निश्शुल्क सुविधा मिल सकेगी। इसी दिशा में नेफ्रोलॉजी विभाग की शुरुआत होना मील का पत्थर साबित होगा।
बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री रिम्स में सालों से नेफ्रोलॉजी विभाग खोलने की बात चल रही थी लेकिन कोई डॉक्टर सेवा देने को तैयार नहूं होते थे। ऐसे में नेफ्रोलॉजी विभाग का शुरू होना रिम्स के लिए गौरव की बात है। किडनी डोनर मिलने से ट्रासप्लाट जल्द शुरू की जाएगी। ट्रासप्लाट में मरीजों को जेब से एक रुपया देने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इलाज से लेकर ट्रासप्लाट तक का पूरा खर्च रिम्स प्रबंधन उठाएगा।
डॉ. डीके सिंह, रिम्स निदेशक