नेहा मार्डी ने रचा इतिहास, बनी रांची विवि छात्र संघ की पहली महिला अध्यक्ष

RUSU. 1977 में पहली बार रांची विवि में छात्रसंघ चुनाव हुआ था। तब से लेकर आज तक यहां महिला अध्‍यक्ष नहीं चुनी जा सकीं। पहली बार यहां नेहा मार्डी महिला छात्र संघ अध्यक्ष बनी हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 06:18 AM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 01:57 PM (IST)
नेहा मार्डी ने रचा इतिहास, बनी रांची विवि छात्र संघ की पहली महिला अध्यक्ष
नेहा मार्डी ने रचा इतिहास, बनी रांची विवि छात्र संघ की पहली महिला अध्यक्ष

रांची, जासं। नेहा मार्डी ने रांची विवि छात्र संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रच दिया है। 1977 में पहली बार रांची विवि में छात्र संघ चुनाव हुआ था। तब से लेकर अब तक कोई भी महिला अध्यक्ष नहीं बनी थी। 2016 में पूजा सिंह उपाध्यक्ष रही थी। नेहा मार्डी ने कहा कि जो जिम्मेदारी दी गई है उसे पूरा करूंगी।

अभाविप की रणनीति काम आई : रांची विवि छात्र संघ के पांचों पदों पर कब्जा जमाने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ऐसा चक्रव्यूह रचा कि आदिवासी छात्र संघ (एसीएस) व छात्र आजसू उससे बाहर नहीं निकल सका। कॉलेज स्तर पर चुनाव जीतने के बाद से ही अभाविप ने एसीएस व छात्र आजसू के लिए शतरंज की बिसात बिछा दी। रणनीति बनने लगी, लेकिन अंतत: अभाविप ने मात दे दी।

अभाविप के प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल के नेतृत्व में इनके मतदाता एकजुट रहे तो विपक्षी के वोट को बिखरने दिया। इन सब में जोड़-तोड़, खरीद-फरोख्त, अपहरण का आरोप-प्रत्यारोप खूब लगे। लेकिन अकेले दम पर पांचों पदों पर कब्जा जमा लिया। दूसरी ओर एसीएस और छात्र आजसू का गठबंधन अपने मतदाताओं को एकजुट रखने में विफल रहा।

इन्होंने एसीएस के संजय महली गुट के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी कुलपति मुंडा को भी मनाने में विफल रहे। छह गाड़ियों में लाए मतदाता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने करीब 12.30 बजे छह गाड़ियों में अपने मतदाताओं को मतदान केंद्र बेसिक साइंस भवन में लाया। सबसे पहले जेएन कॉलेज धुर्वा के पांच मतदाता पहुंचे। लगभग 45 मिनट में ही इनके सभी वोटर ने मतदान कर बाहर निकले गए।

वोट डालने के बाद मतदाताओं ने भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय श्री राम आदि नारेबाजी की। तीन बजे तक 46 वोट पड़ चुके थे। आजसू व एसीएस ने मतदान में बाधा नहीं पहुंचाई। चार को एक भी वोट नहीं एसीएस-आजसू गठबंधन के पाच में से एक उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार पंचम मुंडा को छोड़ अन्य चार को एक भी वोट नहीं मिले। इधर एसीएस के महली गुट के कुलपति मुंडा को दो वोट मिले। तीन वोट नोटा में भी पड़े।

इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि नोटा को वोट देने वाले सभी मतदाता अभाविप के समर्थक वोटर नहीं थे। दिलाई पद व गोपनीयता की शपथ जीत के बाद प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर नारेबाजी हुई। इसके बाद बेसिक साइंस भवन में ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर निर्वाचित छात्र प्रतिनिधियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इससे पहले चार बजे मतदान समाप्त होने के बाद 4:15 में काउंटिंग शुरु हुई और आधे घंटे में ही रिटर्निंग आफिसर डॉ. एसएनएल ने परिणाम की घोषणा कर दी।

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