Neeraj Sinha IPS: डीजीपी नीरज सिन्हा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ACB की जिम्मेवारी....
Neeraj Sinha IPS Jharkhand डीजीपी नीरज सिन्हा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के डीजी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। गृह विभाग ने सोमवार को इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी। नीरज सिन्हा 11 फरवरी को झारखंड के पुलिस महानिदेशक बनाए गए थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Neeraj Sinha IPS Jharkhand डीजीपी नीरज सिन्हा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के डीजी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। गृह विभाग ने सोमवार को इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी। नीरज सिन्हा 11 फरवरी को झारखंड के पुलिस महानिदेशक बनाए गए थे। इससे पूर्व में वे जैप के डीजी थे और उस वक्त भी एसीबी के डीजी के अतिरिक्त प्रभार में थे। डीजीपी बनने के बाद जैप व एसीबी के डीजी का प्रभार स्वत: समाप्त हो गया था। अब राज्य सरकार ने सोमवार को उन्हें एक बार फिर एसीबी के डीजी का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है।
काबिल जूनियर अफसरों को मिलेगा एसीबी में मौका
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में काबिल जूनियर अफसरों को मौका मिलेगा। यहां वैसे अफसर तैनात होंगे, जिन्हें भ्रष्टाचार से संबंधित विषयों पर अनुसंधान की जानकारी होगी। तकनीकी रूप से दक्ष कनीय अफसरों को एसीबी में स्थानांतरित करने में प्राथमिकता दी जाएगी। अनुसंधान शीघ्र पूरा करने के लिए अफसरों की प्रतिनियुक्ति होनी है।
तकनीकी रूप से दक्ष कनीय अफसरों को एसीबी में लाने की तैयारी
इसके पूर्व एसीबी ने पुलिस मुख्यालय से पत्राचार कर यह आग्रह किया है कि पदाधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन को लेकर गठित समिति में ब्यूरो प्रमुख को भी शामिल किया जाए। इंस्पेक्टर व डीएसपी स्तर तक के पदाधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन के लिए गठित समिति में ही एसीबी प्रमुख को शामिल करने का आग्रह किया गया है। इसके लिए एसीबी ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग रांची के 2015 के उस संकल्प का भी हवाला दिया है, जिसमें गठित समिति में एसीबी प्रमुख को रखने का प्रावधान है।
इंस्पेक्टर व डीएसपी स्तर तक के पदाधिकारियों के पदस्थापन में हस्तक्षेप चाहता है एसीबी
गौरतलब है कि एसीबी में वर्तमान में स्वीकृत बल की तुलना में छह एसपी, आठ डीएसपी, सात इंस्पेक्टर व 27 दारोगा का पद रिक्त हैं। अनुसंधान के बढ़ रहे बोझ को देखते हुए एसीबी ने पहले ही पुलिस मुख्यालय से पत्राचार कर इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने का आग्रह किया था। पत्र में यह भी बताया था कि निर्धारित समय में अनुसंधान पूरा नहीं होने के चलते झारखंड उच्च न्यायालय, लोकायुक्त और संबंधित प्राधिकार में एसीबी के प्रति प्रतिकूल धारणा बन रही है। सरकार के आदेश पर एसीबी के पास दर्जनभर गंभीर मामलों की जांच की जिम्मेदारी है।
एसीबी के पास कई बड़े मामले
सबसे बड़ा मामला छात्रवृत्ति घोटाले का है, जो लगभग सभी जिलों से संबंधित है। इसी तरह मैनहर्ट घोटाला, कांके में सरकारी जमीन से संबंधित घोटाला, कंबल घोटाला, ज्रेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार पर दर्ज प्राथमिकी का मामला, एडीजी अनुराग गुप्ता पर दर्ज मामले की जांच का मामला, धनबाद नगर निगम में घोटाले का मामला प्रमुख है, जिसकी जांच शीघ्र करने के लिए सरकार के स्तर पर एसीबी को दिया गया है। इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति से संबंधित कई बड़े मामलों में पीई, प्राथमिकी, आइआर आदि से संबंधित मामले भी एसीबी के पास हैं, जिसकी जांच लंबित है। ऐसी स्थिति में बल की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, ताकि गुणवत्तापूर्ण व शीघ्र अनुसंधान हो सके।
सीएम हेमंत सोरेन से मिला बंगाली एसोसिएशन
रांची बंगाली एसोसिएशन, झारखंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग में भाषाई अल्पसंख्यक बांग्ला कोटा से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चयन समिति की अनुशंसा पर किए जाने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राज्य सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग ने 10 जिलों में बांग्ला को प्रथम भाषा की स्वीकृति दी है।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के सभी जिलों में बहुसंख्यक विद्यालयों में बांग्ला को प्रथम भाषा की स्वीकृति दिए जाने और शिक्षक तथा पाठ्यपुस्तक उपलब्ध कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया है। शिष्टमंडल ने रांची स्थित झील में स्वामी विवेकानंद की भव्य प्रतिमा का जिक्र करते हुए कहा कि इस झील का नाम विवेकानंद सरोवर रखा जाए। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक भास्कर दत्ता, अध्यक्ष श्यामल कुमार सरकार, महासचिव देवांशु साहा शामिल थे।