नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने DVC चंद्रपुरा पर लगाया 1.64 करोड़ का जुर्माना, जानें इसकी वजह
DVC Bokaro Jharkhand News चंद्रपुरा स्थित दामोदर घाटी निगम के ताप विद्युत संयंत्र की भट्ठी से तेल रिसने के कारण पर्यावरण को नुकसान होने पर यह जुर्माना लगाया गया है। ताप विद्युत संयंत्र की भट्ठी से तेल रिसने के कारण दामोदर नदी की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा।
रांची, राज्य ब्यूरो। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी ने झारखंड के चंद्रपुरा स्थित दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के चंद्रपुरा स्थित थर्मल पावर प्लांट पर 1.64 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ताप विद्युत संयंत्र की भट्ठी से तेल रिसने के कारण पर्यावरण को नुकसान होने पर लगाया गया है। वर्ष 2019 में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई थी। ट्रिब्यूनल ने डीवीसी के पावर प्लांट को दामोदर नदी की पारिस्थितिकी को नुकसान करने का दोषी पाया है।
दामोदर बचाओ आंदोलन के संयोजक प्रवीण कुमार सिंह ने वर्ष 2019 में ट्रिब्यूनल में इस बाबत मुकदमा दायर किया था। एनजीटी ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई थी। इसने अपनी रिपोर्ट में 1.64 करोड़ का जुर्माना डीवीसी पर लगाया है। एनजीटी ने डीवीसी को यह राशि जमा करने के लिए दो महीने का समय दिया है। इससे पहले भी एनजीटी ने एक अन्य मामले में 14 दिसंबर, 2020 के अपने आदेश में डीवीसी को 2.89 करोड़ का जुर्माना और सभी अनुशंसाओं को लागू कराने के लिए दो माह का समय दिया था।
यह जुर्माना डीवीसी के डाइक फेल से दामोदर नदी में फ्लाइ ऐश फैलने के कारण एनजीटी ने लगाया था। शिकायकर्ता के अनुसार झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से डीवीसी के खिलाफ मामले पर निर्धारित शर्ताें के उल्लंघन के लिए विभिन्न पर्यावरणीय कानूनों के तहत वस्तुस्थिति का पता लगाना महत्वपूर्ण है। एनजीटी में सुनवाई के दौरान प्रवीण कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता ऋत्विक दत्ता और अधिवक्ता राहुल चौधरी ने मुकदमे की पैरवी की।