ज्ञान आधारित समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है राष्ट्रीय शिक्षा नीति
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सेमिनार का आयोजन किया गया
जासं, रांची : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के सलाहकार अमित खरे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्व पर प्रकाश डाला। बताया कि यह नीति ज्ञान आधारित समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो वैश्विक परि²श्य और भारतीय ज्ञान परंपरा के बीच तालमेल स्थापित करता है। इसका मूल उद्देश्य मौलिक ज्ञान को बढावा देना है। इस कारण भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर खासा जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति बहुविषयक शिक्षा प्रणाली, शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण, व्यवसायिक और तकनीक आधारित शिक्षा और शोधपरक ज्ञान के माध्यम से भविष्य में भारतीय शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएगा। इस विषय पर जोर डाला कि इस नीति के आने के साथ साथ उसका क्रियान्यवन भी महत्वपूर्ण है। भारत को कई पड़ोसी देश शिक्षा के क्षेत्र में एक हब के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की भूमिका इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि सूबे के अन्य शैक्षणिक संस्थान इसे एक मेंटर के तौर पर देखते हैं।
इस अवसर पर झारखंड विवि के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड केंद्रीय विवि ने शिक्षा औऱ शोध के क्षेत्र में कई ऐसे प्रयास किए हैं जिसका दूरगामी परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह विवि विकास के अगले पड़ाव में है। जिसकी कुछ चुनौतियां हैं। इसके समाधान के लिए सबका सहयोग जरूरी है। इस अवसर पर आइक्यूएसी के निदेशक प्रो रतन कुमार डे ने विश्वविद्यालय के शिक्षा औऱ शोध संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत की। बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने विभिन्न कमेटियों का जिक्र करते हुए बताया कि ये राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े विभिन्न गुणात्मक पहलुओं को लेकर काम कर रही है। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो एसएल हरिकुमार ने किया। इस दौारान सभागार में विवि के डीन, हेड, सभी शिक्षगण व कर्मचारी मौजूद रहे।