Rupa Tirkey Death Case: रूपा तिर्की मामले में जनजाति आयोग ने झारखंड सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

Rupa Tirkey Death Case Jharkhand Hindi News नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने सरकार को पत्र लिखकर पूछा कि अब तक क्या कार्रवाई की गई। सरकार की अनुशंसा पर एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की जांच पहले से चल रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 08:47 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 09:10 PM (IST)
Rupa Tirkey Death Case: रूपा तिर्की मामले में जनजाति आयोग ने झारखंड सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
Rupa Tirkey Death Case, Jharkhand Hindi News रूपा तिर्की की फाइल फोटो।

रांची, राज्य ब्यूरो। साहिबगंज की महिला थानेदार रूपा तिर्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर नौ सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट और इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है। उक्त पत्र मुख्य सचिव को संबोधित करता हुआ है। आयोग का पत्र पूर्व में भी आया था, जिसका जवाब राज्य सरकार ने 16 जून को ही भेज दिया था और रूपा तिर्की मामले में अपनी रिपोर्ट आयोग को भेज दी थी।

इसके बावजूद आयोग का पत्र फिर से मिलने के बाद विभाग रेस है, क्योंकि आयोग ने आगे लिखा है कि रिपोर्ट ससमय नहीं मिलने पर सरकार के संबंधित अधिकारी को आयोग के सामने सशरीर उपस्थित करवाया जा सकता है। अब विभाग का कहना है कि हो सकता है कि आयोग को रिपोर्ट नहीं मिली होगी, जिसके बाद रिमाइंडर नोटिस आया है। रूपा तिर्की साहिबगंज के महिला थाने की थाना प्रभारी थी, जिसका शव तीन मई को उनके सरकारी आवास में रस्सी से लटका हुआ मिला था।

रूपा के स्वजन घटना के बाद से ही हत्या की आशंका जता रहे हैं। दैनिक जागरण में पांच मई को छपी रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस केस से संबंधित जांच रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे मामले की एक सदस्यीय न्यायिक जांच चल रही है। अब हाई कोर्ट के आदेश पर इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ करने जा रही है। इसके लिए शीघ्र ही प्राथमिकी दर्ज करेगी।

आयोग को भेजी गई पहली रिपोर्ट में सरकार ने यह जानकारी दी थी

राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राष्ट्रीय जनजाति आयोग को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में बताया था कि रूपा तिर्की की मौत के मामले में साहिबगंज के बोरियो (जिरवाबाड़ी) थाने में अस्वाभाविक मौत (यूडी) केस दर्ज किया गया था। मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण फांसी लगना आया था। इससे यह पता चला था कि रूपा तिर्की की हत्या नहीं की गई। पूरा मामला आत्महत्या का है।

घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए साहिबगंज के डीएसपी मुख्यालय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था। पांच सदस्यीय जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट दी है। इसमें बताया है कि सहयोगी दारोगा शिव कुमार कनौजिया ने रूपा तिर्की की भावनाओं को आहत किया। इसके चलते रूपा तिर्की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस आत्महत्या के लिए प्रथम दृष्‍टया शिव कुमार कनौजिया जिम्मेवार पाया गया।

रूपा तिर्की के स्वजन के आरोपों की भी जांच की गई। इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दारोगा मनीष कुमारी व ज्योत्सना कुमारी तथा पंकज मिश्रा की इस घटना में संलिप्तता, सहभागिता या षड्यंत्र रचने के बिंदु पर कोई साक्ष्य अब तक नहीं मिला है। आरोपित सहयोगी दारोगा शिव कुमार कनौजिया के विरुद्ध साक्ष्य मिलने के बाद उसपर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने संबंधित धारा बोरियो थाना के उक्त केस में जोड़ा गया है। वह नौ मई को गिरफ्तार किया जा चुका है और उसके विरुद्ध पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया है।

दारोगा शिव कुमार कनौजिया प्राथमिकी, रूपा के पिता अप्राथमिकी अभियुक्त

तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पुलिस अनुसंधान में महिला थानेदार रूपा तिर्की को खुदकुशी के लिए प्रेरित करने के आरोपी सहयोगी दारोगा शिव कुमार कनौजिया को प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था। इस केस में पुलिस ने रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया था। शिव कुमार कनौजिया पर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़‍ित करने, शादी से इन्कार करने आदि के आरोप हैं।

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