Mann Ki Baat: मन की बात से नहीं जुड़ सकीं खूंटी की मीरा देवी, पीएम मोदी ने एलोवेरा वि‍लेज की तारीफ की

Mann Ki Baat Jharkhand News मन की बात कार्यक्रम को लेकर रनिया में काफी संख्या में ग्रामीण मीरा देवी के घर के बाहर एकत्रित हुए थे। दूसरी ओर पीएम मोदी ने रांची के एलोवेरा विलेज की चर्चा की।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:54 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 12:07 PM (IST)
Mann Ki Baat: मन की बात से नहीं जुड़ सकीं खूंटी की मीरा देवी, पीएम मोदी ने एलोवेरा वि‍लेज की तारीफ की
मन की बात कार्यक्रम सुनने के लिए केलो गांव में उपस्थित ग्रामीण।

रांची/खूंटी, जासं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में खूंटी जिले के रनिया प्रखंड के खेलो गांव की रहने वाली मीरा देवी नेटवर्क समस्‍या के कारण नहीं जुड़ पाई। हालांकि झारखंड के लिए अच्‍छी बात यह रही कि पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में रांची के एलोवेरा विलेज की चर्चा की और महिलाओं के प्रयास की प्रशंसा की। मन की बात कार्यक्रम सुनने के लिए केलो गांव में ग्रामीणों के साथ तोरपा के विधायक कोचे मुंडा समेत भाजपा के कई नेता भी मौजूद थे।

मन की बात कार्यक्रम को लेकर रनिया में काफी संख्या में ग्रामीण मीरा देवी के घर के बाहर एकत्रित हुए थे। मीरा देवी और उनकी सहयोगियों के द्वारा बनाई गई बांस की कलाकृति और सजावट का सामान भी रखा गया। लेकिन रनिया प्रखंड से प्रशासन का कोई भी उपस्थित नहीं रहा। हालांंकि कार्यक्रम के अंतिम समय में मीरा देवी जुड़ीं। जुड़ने के कुछ ही देर बाद मन की बात कार्यक्रम समाप्त हो गया और इस प्रकार नेटवर्क समस्या के कारण खूंटी जिले के सुदूरवर्ती रनिया प्रखंड के किलो गांव की मीरा देवी प्रधानमंत्री के साथ मन की बात कार्यक्रम में बात करने से वंचित रह गई।

प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि मुझे रांची के सतीश ने पत्र के माध्यम से एक जानकारी साझा की है। सतीश ने झारखंड के एक एलोवेरा विलेज की ओर मेरा ध्यान दिलाया है। रांची के पास ही देवरी गांव की महिलाओं ने मंजू कच्‍छप के नेतृत्व में बिरसा कृषि विद्यालय से एलोवेरा की खेती का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद उन्होंने एलोवेरा की खेती शुरू की।

इस खेती से न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभ मिला, बल्कि इन महिलाओं की आमदनी भी बढ़ गई। कोविड-19 के दौरान भी इन्हें अच्छी आमदनी हुई। इसकी एक बड़ी वजह यह थी कि सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियां सीधे इन्हीं से एलोवेरा खरीद रही थी। आज इस कार्य में करीब 40 महिलाओं की टीम जुटी है और कई एकड़ में एलोवेरा की खेती होती है। देवरी की महिलाओं की टीम ने जिस प्रकार खेती को स्वास्थ्य के क्षेत्र से जोड़ा है, वह अपने आप में एक मिसाल है।

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