मोहन भागवत तीन दिन के दौरे पर 10 को आएंगे धनबाद, संघ के कार्य मंडल-बस्ती तक पहुंचाने पर होगी चर्चा
Mohan Bhagwat RSS Dhanbad News Jharkhand Hindi News मोहन भागवत धनबाद में पहले दिन प्रांत कार्यकारिणी और प्रचारकों के साथ बैठक करेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण सभी बैठकें छोटे स्तर पर होगी। झारखंड को 1264 मंडलों और 847 बस्तियों में बांटा गया है।
रांची, जासं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार 10 सितंबर को पटना से धनबाद पहुंचेंगे। अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान झारखंड के सभी मंडलों और बस्तियों में 2024 तक संघ कार्य पहुंचाने पर संघ के पदाधिकारियों के साथ वे मंथन करेंगे। पहले दिन प्रांत कार्यकारिणी और प्रचारकों के साथ बैठक करेंगे, वहीं दूसरे दिन प्रांत के संगठन श्रेणी और जागरण श्रेणी के पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श करेंगे।
रविवार को धनबाद शहर के प्रबुद्ध लोगों के साथ संवाद करेंगे। धनबाद महानगर के सभी शाखाओं के मुख्य शिक्षक, कार्यवाह, मिलन प्रमुखों व प्रवासी कार्यकर्ताओं के साथ शाखा विस्तार पर चर्चा करेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी बैठकें छोटी-छोटी टोली में होगी। सभी कार्यक्रम राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर, धनबाद में होंगे। झारखंड के प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल अग्रवाल ने कहा कि संघ में संगठनात्मक दृष्टि से प्रत्येक वर्ष सरसंघचालक और सरकार्यवाह पूरे देश में इस तरह का प्रवास करते हैं। उसी निमित इस वर्ष संघ प्रमुख का झारखंड में प्रवास हो रहा है।
झारखंड को 1264 मंडलों में विभाजित किया गया है
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर 2024 में देश के सभी मंडलों व बस्तियों में संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। संघ कार्य दृष्टि से झारखंड को 1264 मंडलों और 847 बस्तियों में बांटा गया है। ग्रामीण इलाकों को मंडलों और महानगरों को बस्तियों में बांट कर संघ कार्य का प्रसार किया जा रहा है। अभी तक झारखंड के 900 मंडलों और 550 बस्तियों में संघ का काम किसी न किसी रूप में चल रहा है।
इससे पूर्व मोहन भागवत फरवरी 2020 में झारखंड आए थे। पांच दिनों के प्रवास के दौरान वे रांची में रुके थे। इस दौरान उन्होंने शहर के गण्यमान्य लोगों के साथ पद्मश्री से सम्मानित व्यक्तियों से मुलाकात की थी। उन्होंने खिलाड़ियों से भी बात की थी। उस दौरान उन्होंने रांची महानगर में संघ कार्य की दृष्टी से बांटे गए सभी बस्तियों में शाखा लगाने का संदेश दिया था।