Rashtriya Swayamsevak Sangh: धरती मां की पूजा के साथ संघ का भूमि सुपोषण महाअभियान शुरू

Rashtriya Swayamsevak Sangh राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने समाज के विविध संगठनों के साथ मंगलवार को शहर से गांव तक धरती मां की पूजाकर भूमि सुपोषण महाअभियान का शुभारंभ किया। पूरे देश में संघ की शाखा के साथ साथ मंदिर व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:21 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:31 AM (IST)
Rashtriya Swayamsevak Sangh: धरती मां की पूजा के साथ संघ का भूमि सुपोषण महाअभियान शुरू
Rashtriya Swayamsevak Sangh: धरती मां की पूजा कर भूमि सुपोषण महाअभियान का शुभारंभ किया।

रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवको़ं ने समाज के विविध संगठनों के साथ मिलकर मंगलवार को शहर से लेकर गांवों तक धरती मां की पूजा कर भूमि सुपोषण महाअभियान का शुभारंभ किया। पूरे देश में संघ की शाखा के साथ साथ मंदिर व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोरोना संक्रमण के कारण सभी स्थानों पर उपस्थिति काफी कम रखने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद भी कार्यक्रम को लेकर लोगों में काफी उत्साह था। 

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती को बढावा देने और रासायनिक खाद का कम से कम उपयोग करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस अभियान का शुभारंभ किया गया है जो 24 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान में आरएसएस का पर्यावरण गतिविधि, ग्राम विकास गतिविधि, गो सेवा गतिविधि, संघ के  कई अनुषांगिक संगठन, पतंजलि, गायत्री परिवार सहित कई संगठन शामिल हुए।

शिवराज सिंह ने किया ट्वीट

कार्यक्रम को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि चिंतन, भूमि सुपोषण एवं संरक्षण इन संकल्पनाओं को कृषि क्षेत्र में पुन स्थापित करना है। 

लोग जैविक उत्पादों के उपयोग की डालें आदत

आरएसएस के झारखंड प्रांत के पर्यावरण गतिविधि के सह प्रांत संयोजक सच्चिदानंद मिश्र ने रांची में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समय रहते हमलोग नहीं चेते तो आने वाले समय में स्थिति और भयानक हो जाएगी। खेती में रासायनिक खादों का उपयोग कम करते हुए अपनी परंपरागत जैविक खाद के उपयोग को बढावा देना होगा।

शहर के लोगों को भी ज्यादा से ज्यादा जैविक उत्पादों के उपयोग की आदत डालनी होगी। ताकि किसान भी प्रोत्साहित होकर जैविक खेती को बढावा दे सकें। उनको जब उत्पादों का उचित मूल्य मिलने लगेगा तब स्वयं जैविक खेती को बढावा देंगे। इससे लोगों का स्वास्थ्य ठीक होने के साथ साथ भूमि बंजर होने से बचेगी और जल का संचयन भी हो सकेगा।

 

शाखाओं पर मनाया गया वर्ष प्रतिपदा का उत्सव

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार देश में सभी शाखाओं पर वर्ष प्रतिपदा का उत्सव मनाया गया। सबसे पहले स्वयंसेवकों ने संघ संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार की जयंती के अवसर पर आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया। वर्ष प्रतिपदा के दिन ही डा. हेडगेवार का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन स़ंघ की शाखाओं पर ध्वज लगाने से पहले स्वयंसेवक आद्य सरस़ंघचालक प्रणाम करते हैं। उसके बाद ध्वज लगाकर अन्य कार्यक्रम करते हैं।  इस बार कोरोना के कारण प्रत्येक शाखा पर आठ से 12 स्वयंसेवक ही थे। हर जगह कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया गया।

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