झारखंड में विधायकों की कीमत बकरों से भी कम, जानें ऐसा क्यों बोले गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे
Conspiracy to Topple Hemant Sarkar Jharkhand News गोड्डा के सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री जी बेहद सनसनीखेज बनाकर परोसे गए इस मामले के पीछे का माजरा क्या है। इतने गंभीर मुद्दे में क्या सच और क्या झूठ है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में सरकार गिराने की साजिश मामले पर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने पूरे मामले पर तंज कसा है। उन्होंने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए लिखा कि दो लाख में विधायकों को खरीद कर सरकार गिराने की बात हजम नहीं हो रही है। अब तो दो लाख रुपये में चार आदमी मिलकर ही विधायक खरीद रहे हैं। झारखंड में विधायक की कीमत लगता है 10-10 हजार रुपये की दर से तय कर दिया गया है। बकरीद में तो कई बकरे दो-दो लाख में बिके। विधायकों की कीमत तो बकरों से भी कम लगाई आपने।
आरोप इतने गंभीर तो सीबीआइ जांच क्यों नहीं कराती सरकार : भाजपा
हेमंत सरकार को गिराने की साजिश के आरोप में तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। सत्ताधारी दल जहां इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं, वहीं भाजपा ने इसे मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार गिराने के दावे को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सब्जी बेचने वाले और फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर सरकार गिरा रहे हैं।
इससे अधिक हास्यास्पद बात क्या हो सकती है। उन्होंने इस तरह के आरोपों को झारखंड के सभी दलों के सभी विधायकों के लिए अपमान बताया है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने बताया कि सत्ताधारी दल सोची-समझी साजिश के तहत भाजपा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य के मूल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सरकार में शामिल दल इस तरह की ओछी हरकत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरा मामला ही संदेहास्पद लग रहा है।
गिरफ्तार लोगों के परिवार के लोग कह रहे हैं कि आरोपितों को एक दिन पहले उनके बोकारो स्थित घर से उठाकर पुलिस ले गई है। इधर पुलिस रांची से गिरफ्तारी का दावा कर रही है। इतना ही नहीं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनमें किसी का प्रोफाइल भी ऐसा नहीं है, जो सरकार गिराने की बड़ी साजिश को अंजाम दे सके। कोई सब्जी और फल विक्रेता है तो कोई दिहाड़ी मजदूर। इनके पास से दो लाख रुपये नकद और इनके निजी मोबाइल फोन बरामद होने की बात पुलिस ने कही है।
सवाल उठता है कि क्या दो लाख रुपये में विधायकों को खरीदकर सरकार गिराई जा रही थी। शाहदेव ने कहा कि अपने वादों को पूरा करने में नाकाम सरकार अपने विक्षुब्ध विधायकों को कंट्रोल में रखने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाकर मूल मुद्दों से लोगों को भटका रही है। अगर झामुमो और कांग्रेस को लगता है कि वाकई बहुत गंभीर मामला है और कई राज्यों से इसके तार जुड़े हैं तो उन्हें तुरंत सीबीआइ जांच की अनुशंसा करनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा करेंगे नहीं, क्योंकि ऐसा करने से उनकी भद पिट जाएगी।
उन्होंंने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले को दर्ज करके सरकार ने अपने विक्षुब्ध विधायकों को दबाव में रखने की कोशिश की है, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एक निर्दलीय को मुख्यमंत्री बनाने वाले झारखंड ने फिर एक रिकाॅर्ड कायम किया है। जब एक फल विक्रेता और दिहाड़ी मजदूर दो लाख रुपये में सरकार को गिराने की साजिश रच सकता है तो कुछ भी हो सकता है। यह पूरी घटना किसी सी ग्रेड फिल्म की घटिया पटकथा जैसी लग रही है। सिस्टम का दुरुपयोग करके अगर निर्दोष लोगों को फंसाया गया है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।