विधायक मद के उपयोग पर लगी रोक हटाने की कवायद

विधायक बनने के बाद से आम लोगों के लिए योजनाओं की अनुशंसा नहीं कर पानेवाले विधायकों के लिए थोड़ी राहत की बात है। इन्हें पिछले कार्यकाल की बकाया राशि के अनुसार योजनाओं की अनुशंसा करने का मौका मिल सकता है। वित्त विभाग इसकी कवायद कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 01:01 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 01:01 AM (IST)
विधायक मद के उपयोग पर लगी रोक हटाने की कवायद
विधायक मद के उपयोग पर लगी रोक हटाने की कवायद

रांची : विधायक बनने के बाद से आम लोगों के लिए योजनाओं की अनुशंसा नहीं कर पानेवाले विधायकों के लिए थोड़ी राहत की बात है। इन्हें पिछले कार्यकाल की बकाया राशि के अनुसार योजनाओं की अनुशंसा करने का मौका मिल सकता है। वित्त विभाग इसकी कवायद कर रहा है। एक सप्ताह के अंदर संबंधित अधिकारियों को आदेश भी दे दिए जाएंगे। इसके बाद कई विधायकों के पास पिछले सत्र की बकाया राशि उपलब्ध हो जाएगी जिससे नई-पुरानी योजनाओं की अनुशंसा की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार हर विधानसभा क्षेत्र में पिछले सत्र की राशि बची हुई है।

जानकारी के अनुसार, विधानसभा के गठन के कुछ दिनों बाद ही कोरोना संक्रमण पसरने लगा और वित्तीय प्रबंधन के तहत विधायक मद के फंड को इस्तेमाल करने से रोक दिया गया। वित्त विभाग ने इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए। यही कारण रहा है कि अब लगभग एक वर्ष पूरे होने के बावजूद विधायक मद से राशि की अनुशंसा योजनाओं के लिए नहीं की जा सकी है। कोरोना संक्रमण के पूर्व आचार संहिता के कारण इस मद के तहत अनुशंसा पर रोक लगाई गई थी। इस कारण जितने विधायकों की राशि बची हुई थी वह रखी ही रह गई। नए सत्र में विधायकों को पिछले सत्र का हिस्सा मिलने का नियम है। इसी कारण अगर किसी क्षेत्र में विधायक बदल गए हैं तो नए विधायक को यह राशि अतिरिक्त तौर पर मिलेगी। कई विधायकों ने अभी हाल में समाप्त सत्र के दौरान विधायक मद की राशि जारी करने की मांग भी मुख्यमंत्री से की थी।

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सरकार का खजाना खाली है और ऊपर से डीवीसी मद की राशि गलत तरीके से काट ली गई है। ऐसे में नए सत्र के लिए विधायक मद की राशि जारी करने में कठिनाई है। पिछले सत्र में बाकी बची राशि को जल्द ही जारी करने की तैयारी की जा रही है।

-डॉ. रामेश्वर उरांव, वित्त मंत्री, झारखंड।

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