कोल ब्लॉक आवंटन की CBI जांच की वर्तमान स्थिति की जानकारी कोयला मंत्रालय को नहीं

कोल ब्लाॅक आवंटन की सीबीआई जांच की वर्तमान स्थिति क्या है इसकी जानकारी कोयला मंत्रालय को नहीं है। राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार के सवाल के जवाब में कोयला खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने लिखित जवाब में यह जानकारी दी है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:48 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:48 AM (IST)
कोल ब्लॉक आवंटन की CBI जांच की वर्तमान स्थिति की जानकारी कोयला मंत्रालय को नहीं
कोल ब्लॉक आवंटन की CBI जांच की वर्तमान स्थिति की जानकारी कोयला मंत्रालय को नहीं। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । कोल ब्लाॅक आवंटन की सीबीआई जांच की वर्तमान स्थिति क्या है, इसकी जानकारी कोयला मंत्रालय को नहीं है। राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार के सवाल के जवाब में कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। मंत्री ने जवाब में स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सरकार के साथ जांच का विवरण साझा नहीं करने का निर्देश दिया है। इसलिए सीबीआई द्वारा किये जा रहे कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित मामलों की जांच की स्थिति के संबंध में कोयला मंत्रालय के पास जानकारी नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2014 के अपने निर्णय और 24 सितंबर 2014 के आदेश में जांच समिति के माध्यम से और गवर्नमेंट डिस्पेंशेसन प्रणाली के माध्यम से वर्ष 1993 से किए गए कोयला ब्लॉकों के सभी आवंटन गैर कानूनी और मनमाना घोषित कर दिया था तथा 218 कोयला ब्लॉकों में से 204 कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद कर दिया था। राज्यसभा सदस्य के सवाल पर मंत्री ने यह जानकारी भी दी है कि कामर्शियल माइनिंग के तहत कोयला खदानों की नीलामी के पहले दौर में झारखंड सबसे ज्यादा फायदे में है। राज्य की 5 खदानों की नीलामी से झारखंड को रॉयल्टी एवं कर के रूप में 1,157 करोड़ रुपये, रेवेन्यू शेयर के रूप में 910 करोड़ रुपये और वार्षिक राजस्व के तौर पर 2,690 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे तथा 27,310 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा।

संजय सेठ ने केंद्रीय विद्यालय में नामांकन सीटों की संख्या बढ़ाने का किया आग्रह

लोकसभा सदस्य संजय सेठ ने लोकसभा में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से आग्रह किया कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना संक्रमण से अपने अभिभावक खोए हैं, उनके नामांकन से संबंधित कोई गाइडलाइन जारी की जाए। सांसद ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई को लेकर अभिभावकों को और बच्चों का आकर्षण हाल के दिनों में बढ़ा है। ऐसे में सरकार को केंद्रीय विद्यालय में नामांकन की सीटों की संख्या बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। 

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