राजधानी के बीचों-बीच चल रही थी मिनी गन फैक्ट्री, तीन धराए

जागरण संवाददाता रांची राजधानी के बीचोंबीच मिनी गन फैक्ट्री चलायी जा रही थी। पुलिस ने इसका भ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 07:49 AM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 07:49 AM (IST)
राजधानी के बीचों-बीच चल रही थी मिनी गन फैक्ट्री, तीन धराए
राजधानी के बीचों-बीच चल रही थी मिनी गन फैक्ट्री, तीन धराए

रांची : राजधानी के बीचोंबीच मिनी गन फैक्ट्री चलायी जा रही थी। पुलिस ने इसका भंडाफोड़ करते हुए तीन को गिरफ्तार कर लिया है। यह मिनी गन फैक्ट्री सदर थाना क्षेत्र के रिम्स के समीप स्थित मोहल्ला टूनकी टोला में चल रही थी। फैक्ट्री बिहार के मुंगेर से हथियार बनाने का प्रशिक्षण ले चुका विजय कुमार शर्मा चला रहा था। फैक्ट्री में बनी हथियार की डिलीवरी के दौरान विजय के अलावा लोअर बाजार थाना क्षेत्र के चर्च रोड नाजीर अली लेन निवासी मो. साकीद उर्फ पाव और धुर्वा थाना क्षेत्र के शर्मा रोड स्थित क्वार्टर नंबर डीटी 581 निवासी मनोज कुमार मंडल पकड़े गए। तीनों की गिरफ्तारी धुर्वा थाना क्षेत्र के प्रभात तारा मैदान के पास से की गई। जब थैले में आ‌र्म्स की डिलीवरी की जा रही थी।

पुलिस मिनी गन फैक्ट्री से 13 बैरल और 7 मैगजीन के अलावा तीन देशी कट्टा, आठ जिंदा गोलियां, पाच मिसफायर गोलियां, एक अर्धनिर्मित पिस्टल, एक लेथ मशीन, कटर, रेती समेत हथियार बनाने का अन्य उपकरण बरामद की गई है। पीएलएफआइ उग्रवादी रह चुका है मनोज : पकड़े गए अपराधियों में मनोज कुमार मंडल पूर्व में पीएलएफआइ उग्रवादी रह चुका है। इन दिनों गिरोह बनाकर हथियारों की सप्लाई कर रहा था। वहीं साकीद उर्फ पाव कांटाटोली बस स्टैंड के ठेकेदार नेजार खान हत्याकांड का आरोपित रह चुका है। जबकि विजय सदर, बरियातू और सरायकेला के आदित्यपुर से आ‌र्म्स एक्ट में जेल जा चुका है।

एसएसपी अनीश गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि विजय कुमार शर्मा हथियार बनाने में माहिर है। वह कबाड़ के सामानों को लेथ मशीन के जरिए बड़ी आसानी से घातक हथियार बना लेता है। टुनकीटोला स्थित अपने घर में पिछले चार-पांच वर्षो से हथियार बनाने का काम कर रहा था। कई वर्षो से कुख्यात अपराधी बिट्टु मिश्रा सहित अन्य अपराधिक गिरोह को हथियारों की सप्लाई कर रहा था। बिजली उपकरणों से बनाता था कंप्रेशर व बट :

हथियार बनाने के लिए विजय कुमार शर्मा कबाड़ के दुकानों, गैराज, बिजली के उपकरणों सहित अन्य सामानों के उपयोग से बड़ी सहजता के साथ घातक हथियार तैयार कर लेता था। वह बिजली के स्प्रींग से कंप्रेशर तैयार कर लेता था। जबकि बोर्ड बनाने वाली सनमाइका और बोर्ड की कटिंग कर बट तैयार करता था। जबकि सामान्य लोहे की रड को ड्रिल मशीन से छेद करते हुए मजबूत बैरल तैयार कर लेता था। लेथ मशीन से रॉड को सीधा, टेढ़ा और जरूरत के मुताबिक बेंड करता था। हथियार बनाने की पूरी प्रक्रिया को विजय ने एसएसपी को बारीकी से बताया। उसके बताए तरीके को सुनकर एसएसपी सहित अन्य अधिकारी हैरत में थे। बताया जा रहा है कि हथियार बनाने की पूरी प्रक्रिया का वीडियो तैयार कर यू-ट्यूब में डालने वाला था।

जेल से छूटकर बन गया आ‌र्म्स मेकर :

विजय वर्ष 2011 में सदर थाना से आ‌र्म्स एक्ट के केस में जेल गया था। 19 माह जेल में रहने के बाद निकला। इसके बाद आ‌र्म्स मेकर बन गया। पिछले चार वर्षो से अपने घर में ही हथियार बनाने का काम कर रहा था। रांची के इटकी, बेड़ो, चान्हो के अलावा लोहरदगा, गुमला, खूंटी, जमशेदपुर, धनबाद सहित कई जिलों में हथियार की सप्लाई कर रहा था। मनोज कुमार मंडल की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल ब्रांच व सीआइडी भी जुटी थी। अपराधी बोले चुनाव में बढ़ा था डिमांड : पकड़े गए आरोपितों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि लोक सभा चुनाव के दौरान अवैध हथियारों की डिमांड बढ़ गई थी। कई अपराधी उनके संपर्क में थे। उनसे लगातार हथियार बनाकर सप्लाई के लिए कहा जा रहा था। इसलिए तेजी से हथियार बना रहा था। अगले एक सप्ताह में दर्जन भर कट्टा और सात पिस्टल का ऑर्डर मिल चुका था। ये हथियार बनाकर करते थे बिक्री : विजय द्वारा 315 बोर की देशी कट्टा, नाइन एमएम पिस्टल, लंबा बैरल की बंदूक, रिवाल्वर सहित अन्य हथियार बना लिया जाता था। हाल में रांची में पकड़े गए अधिकांश हथियार इसी मिनी गन फैक्ट्री से निकला हथियार बताया जा रहा है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। छापेमारी दल में ये थे शामिल :

हटिया डीएसपी प्रभात रंजन बरवार, धुर्वा इंस्पेक्टर राजीव कुमार, तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर

दारोगा मुरारी प्रसाद, योगेंद्र यादव, एएसआई सत्येंद्र सिंह, ललन प्रसाद सिंह, मनीश कुमार, सुदीप खलखो, नरेंद्र मिश्रा, कृष्णा कुमार सहित अन्य शामिल थे।

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