ये मेट्रो, लोकल ट्रेनें केवल दिल्ली, मुंबई में क्यों..

बस में सफर कर रहे लोगों ने चुनावी चर्चा में भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 02:11 AM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 06:18 AM (IST)
ये मेट्रो, लोकल ट्रेनें केवल दिल्ली, मुंबई में क्यों..
ये मेट्रो, लोकल ट्रेनें केवल दिल्ली, मुंबई में क्यों..

जागरण संवाददाता, चुनाव : स्टेशन से बस के पहिये हिलने के साथ आंखें बंद होने लगीं। न कोई चर्चा, न कोई सवाल, न कोई जवाब। बस में सवार कुछ बच्चे और सामान बेचने के लिए चढ़े फेरी वाले शांति में जरूर व्यवधान पैदा कर रहे थे। रांची से बस कुछ आगे बढ़ी तो बगल की सीट पर बैठे सहयात्री की नींद में खलल डालते हुए बातचीत का सिलसिला शुरू किया। पूछा, अब तो चुनाव आ गये हैं, क्या लगाता है, कौन आयेगा..? सहयात्री ने बड़े अनमने तरीके से जवाब दिया, कोई आये-कोई जाये, हमारा क्या होना है.. हम लोगों की जिंदगी यूं ही चलती रहती है। बस और ऑटो में धक्के खाते जिंदगी गुजर रही। सूर में सूर मिलना जरूरी था वरना निंद्रा फिर आंखों में उतर जाती। कहा, हां, ये तो है। बड़ी समस्या है। गांव से आने-जाने में बड़ी मुश्किल होती होगी। मानो साथी कुछ ऐसे ही उत्तर का इंतजार कर रहा था, बोला मुश्किल। हालत यह है कि रांची से टाटा जाने वाली बसों में लोकल यात्रियों को सीट पर बैठने तक की जगह नहीं मिलती। खड़े-खड़े ही बुंडू व तमाड़ की दूरी तय करनी पड़ती है। लोकल बसों में जरूर थोड़ी सहुलियत रहती है, लेकिन आज कल नयी मुसीबत खड़ी हो गयी है। चुनाव के नाम पर जिला प्रशासन लोकल बसों का अधिग्रहण कर रहा है। जहां-तहां सवारी उतार कर बसें इलेक्शन ड्यूटी के लिए ले जायी जा रही है। रविवार की सुबह ही दो बसें ले गये। बसों के मालिक व चालक गाड़ी लेकर सड़कों पर आने से बच रहे हैं। उत्तर में बस सिर हिलाना काफी रहा। बगल की सीट पर बैठा दूसरा यात्री चर्चा में कूद पड़ा, बोला, सब विकास, विकास बोलता है.. कौन सा विकास हो रहा। हमको तो दिखता नाही। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहर में आदमी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए सरकार क्या-क्या करती है। कहीं मेट्रो, कहीं लोकल ट्रेन। इतना साल से यहां हम लोग आइ से आना-जाना कर रहा। 40 रुपया देके टिकट लेता है। बड़ा वाला बस गाड़ी में तो सीट भी नहीं देता। बातचीत के इस सिलसिले के बीच बस अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती रही। बस में सवार जनता ने चुनाव और चुनावी मुद्दे से जुड़े कई सवाल उछाल दिये। इनका जवाब बस मौन था।

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