झारखंड CM के बयान पर विहिप का पलटवार, आदिवासी समाज की आस्‍था को चोट पहुंचा रहे हेमंत सोरेन

VHP on Jharkhand CM Hemant Soren मिलिंद परांडे ने कहा कि अनंतकाल से वनवासी समाज देश धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा में अग्रणी भूमिका में रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के राजनैतिक नेतृत्व को बहुत जिम्मेदारी से वक्तव्य देना चाहिए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 04:10 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 07:13 PM (IST)
झारखंड CM के बयान पर विहिप का पलटवार, आदिवासी समाज की आस्‍था को चोट पहुंचा रहे हेमंत सोरेन
विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे। फाइल फोटो

रांची, जासं। VHP on Jharkhand CM Hemant Soren विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वनवासी समाज को दिग्भ्रमित कर उनकी श्रद्धा को तोड़ने का काम कर रहे हैं। हेमंत सोरेन का बयान देशभक्त व धर्मनिष्ठ वनवासी समाज की आस्था व विश्वास पर चोट पहुंचाने वाला है। विश्व हिंदू परिषद उनके इस बयान की तीव्र निंदा करती है।

कहा कि ऐसा लगता है कि देश, धर्म व संस्कृति के लिए वनवासी समाज तथा उससे जुड़े महापुरुषों के अतुलनीय योगदान को नकारते हुए वे ईसाई मिशनरियों, कम्युनिस्टों व नक्सली गतिविधियों के षड्यंत्रों को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। हम इसे कदापि स्वीकार नहीं करेंगे। अनंतकाल से वनवासी समाज देश, धर्म व भारतीय संस्कृति की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका में रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के राजनैतिक नेतृत्व को बहुत जिम्मेदारी से वक्तव्य देना चाहिए। उन्हें स्मरण रखना चाहिए कि माता शबरी का उदाहरण हो या राजस्थान में राणा पूंजा भील का, जिन्होंने महाराणा प्रताप का समर्थन मुगलों से लड़ने के लिए किया।

झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा ने तो ना सिर्फ रामायण-महाभारत का अभ्यास किया अपितु, अंग्रेजों व ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के षडयंत्रों का भी डटकर विरोध किया। रानी दुर्गावती ने मुगलों से वीरतापूर्वक संघर्ष किया। बात चाहे अंग्रेजी शासकों से संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता सेनानी टांट्या भील की हो या, नागालैंड की महारानी गाइदेन्ल्यू की, या फिर झारखंड के सिदो-कान्हू तथा बूधू भगत जैसे वीरों की। देश में धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए वनवासी समाज के ऐसे अनगिनत गौरवपूर्ण संघर्ष इतिहास में भरे पड़े हैं।

श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान में वनवासी समाज के लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे

मिलिंद परांडे ने कहा कि श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान के प्रति झारखंड सहित समस्त वनवासी क्षेत्र में दिखा स्वयंस्फूर्त समर्पण व उत्साह इसी भक्ति-भाव का ही तो परिचायक है। भगवान श्रीराम ने भी तो इस प्रकृति-पूजक वनवासी समाज में ही चौदह वर्ष तक भ्रमण व निवास किया था। अयोध्या में गत 5 अगस्त को हुए पूजन कार्यक्रम में संपूर्ण देश के अनेक वनवासी आस्था-केन्द्रों से पहुंची पवित्र मिट्टी व जल भी उनकी श्रद्धा को स्पष्ट परिलक्षित करता है। अपने छुद्र राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे वीर-धीर वनवासी समाज को बांटने या उनकी श्रद्धा पर आघात करने से मुख्यमंत्री सोरेन बाज आएं। हम ऐसी किसी भी चाल का शिकार महान वनवासी समाज को नहीं होने देंगे।

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