मनरेगा में 100 दिनों के काम की गारंटी, दुर्घटना-हत्या या अंग भंग होने पर मिलेंगे 75 हजार रुपये

मनरेगा में 100 दिनों के काम की गारंटी के साथ-साथ दुर्घटना हत्या या अंग भंग होने पर लाभुक को 75 हजार रुपये का अनुग्रह अनुदान मिलेगा। मनरेगा में जीवन व जीविका दोनों सुरक्षित हैं। आंशिक रूप से विकलांग होने पर लाभुक को 37500 रुपये का अनुग्रह अनुदान मिलेगा।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:25 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:25 AM (IST)
मनरेगा में 100 दिनों के काम की गारंटी, दुर्घटना-हत्या या अंग भंग होने पर मिलेंगे 75 हजार रुपये
मनरेगा में 100 दिनों के काम की गारंटी, दुर्घटना-हत्या या अंग भंग होने पर मिलेंगे 75 हजार रुपये। फाइल फोटो

रांची, राज्य ब्यूरो। मनरेगा में 100 दिनों के काम की गारंटी के साथ-साथ दुर्घटना, हत्या या अंग भंग होने पर लाभुक को 75 हजार रुपये का अनुग्रह अनुदान मिलेगा। मनरेगा में जीवन व जीविका दोनों सुरक्षित हैं। आंशिक रूप से विकलांग होने पर लाभुक को 37500 रुपये का अनुग्रह अनुदान मिलेगा। मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों को पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि अधिकतम 65 वर्ष तक के आयु के जिन मजदूरों ने किसी वित्तीय वर्ष में कम से कम 15 दिनों तक मनरेगा में कार्य किया है।

उनका उस वित्तीय वर्ष तथा उसके अगले वित्तीय वर्ष में मृत्यु या दुर्घटना में मृत्यु या अप्राकृतिक मृत्यु (हत्या सहित) या अंग भंग हो जाने पर उनके वैध उत्तराधिकारी या दुर्घटना से पीड़ित श्रमिक को अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान किए जाने का प्रविधान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अनुग्रह अनुदान में राज्य कोष से कुल 10 करोड़ रुपये का बजटीय प्रविधान किया गया है। राज्य में मनरेगा जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी के तर्ज पर काम कर रहा है। इससे जुड़े मजदूरों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग किया जा रहा है। मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों के डीडीसी को एक सप्ताह के भीतर ऐसे पीड़ित को चिह्नित कर सूची विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। चिह्नित लाभुक को 24 घंटे के भीतर राशि उपलब्ध कराएं।

किस परिस्थिति में मिलेगा कितना अनुग्रह अनुदान

- दुर्घटना में मृत्यु, हत्या, स्थाई रूप से विकलांग या अंग भंग होने पर : 75,000 रुपये।

- दुर्घटना में आंशिक रूप से विकलांग होने पर : 37,500 रुपये।

- सामान्य मृत्यु होने पर : 30,000 रुपये।

- मनरेगा योजना अंतर्गत निर्मित डोभा में डूबकर मरने वाले मृतकों के आश्रितों को : 50,000 रुपये।

मजदूरों के साथ खड़ी होती है सरकार

राज्य सरकार राज्य के मजदूरों को उनके घर में ही रोजगार उपलब्ध करा रही है। बाहर से आने वाले मजदूरों को भी रोजगार मिल रहा है। कोरोना काल में बेरोजगार हो चुके मजदूरों को हर हाल में 100 दिन का रोजगार दिया जा रहा है। सरकार ऐसे मजदूरों के साथ खड़ी है।

467 लाख मानव दिवस सृजित

- वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021- 22 में अब तक कुल 19.45 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है तथा 467 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। हर इच्छुक परिवार व मजदूर को यथासंभव उनके गांव और टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक गांव टोला में कम से कम पांच से छह योजनाओं के क्रियान्वयन का लक्ष्य सरकार ने तय किया है।

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