दो वर्षों से लटका है मेकॉन अंडर पासवे का मामला, कैसे मिलेगी जाम से मुक्ति

मेकॉन अंडर पासवे का मामला दो वर्षों से लटका है। रेलवे ने अंडर पासवे का निर्माण तो कर दिया। मगर अंडर पासवे तक जाने वाला एप्रोच रोड के लिए मेकॉन द्वारा जमीन नहीं दी जा रही है। मामला अब भी इस्पात मंत्रालय में अटका है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 01:30 PM (IST)
दो वर्षों से लटका है मेकॉन अंडर पासवे का मामला, कैसे मिलेगी जाम से मुक्ति
रांची में मेकॉन अंडर पास वे दो वर्षों से अधर में लटका है।

रांची,जासं। मेकॉन अंडर पासवे का मामला दो वर्षों से अधर में है। रेलवे ने अंडर पासवे का निर्माण तो कर दिया। मगर, अंडर पासवे तक जाने वाला एप्रोच रोड के लिए मेकॉन द्वारा जमीन नहीं दी जा रही है। मामला अब भी इस्पात मंत्रालय में अटका है। मेकॉन ने इस सिलसिले में फाइल मंत्रालय को बढ़ाया है। दरअसल डीपीएस स्कूल के सामने से अंडर पासवे तक एप्रोच रोड और ब्रिज का निर्माण हो चुका है। लेकिन विपरीत दिशा में अंडर पासवे से डिबडीह क्रासिंग लाइन तक समानांतर एप्रोच रोड बनना है, जिसमें मेकॉन का 425 मीटर लंबा जमीन एप्रोच रोड के लिए मांगा गया है। जबकि रेलवे का 465 मीटर लंबा जमीन सड़क निर्माण निर्माण के लिए लिया जाएगा। कुल 890 मीटर लंबा सड़क का निर्माण होना है।

रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण है, जिसे हटाया जाना है। उम्मीद है इस दिशा में रेलवे जल्द ही कार्रवाई करेगा और अतिक्रमण हटाया जाएगा। सभी को नोटिस दे दिया गया है। मेकॉन का 1.89 एकड़ जमीन और रेलवे का 2.65 एकड़ जमीन सड़क निर्माण में जाएगा। आठ करोड़ रुपये में अंडर पासवे का निर्माण किया गया था। कुल 10.5 करोड़ रुपये में खर्च होंगे। एप्रोच रोड का निर्माण होने से वाहनों को डिबडीह से डोरंडा जाने के लिए रेलवे क्रॉसिंग से जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही बिरसा चौक का गेट बंद होने से सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में वैकल्पिक मार्ग के तहत मेकॉन का सड़क का काफी प्रभावी होगा। मेकॉन कालोनी में बिना वाहन प्रवेश किए बाहर-बाहर सभी वाहन डोरंडा निकल जाएंगे। इसकी सुविधा होने से करीब पांच लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा और जाम से मुक्ति मिलेगी।

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