Jharkhand Crime: दिल्‍ली, यूपी व एमपी कहीं छिपा हो सकता है गब्बर हत्याकांड का मास्टरमाइंड !

रांची के एयरपोर्ट इलाके में चर्चित धर्मदेव उर्फ गब्बर साहू हत्याकांड के मास्टरमाइंड बीनू गोप की तलाश के लिए पुलिस की स्‍पेशल टीम अलग अलग इलाकों में छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो बीनू के लोकशन की जांच दिल्‍ली यूपी एमपी में हो रही है।

By Brajesh MishraEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 12:49 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 01:00 PM (IST)
Jharkhand Crime: दिल्‍ली, यूपी व एमपी कहीं छिपा हो सकता है गब्बर हत्याकांड का मास्टरमाइंड !
तीन माह से हत्‍याकांड के आरोपी की हो रही तलाश। जागरण

रांची, जासं । रांची के एयरपोर्ट इलाके में चर्चित धर्मदेव उर्फ गब्बर साहू हत्याकांड के मास्टरमाइंड बीनू गोप की तलाश के लिए पुलिस की स्‍पेशल टीम अलग अलग इलाकों में छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो बीनू के लोकशन की जांच दिल्‍ली, यूपी, एमपी में हो रही है। बताया जा रहा है क‍ि वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। पिछले तीन माह से पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। वह पिछले 30 अप्रैल से फरार है। बताया जा रहा है कि वह फरार रहने के बावजूद रांची आना-जाना कर रहा है। पुलिस ने दावा किया है कि बीनू गोप को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस इस मामले में अबतक नौ अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इनमें तीन शूटर, बीनू के पांच सहयोगी और नाबालिग शामिल है। जिन शूटरों को गिरफ्तार किया गया, उनमें कंकड़बाग पटना का रहने वाला सूरज राज उर्फ सन्नी, सत्यम कुमार पाठक उर्फ सत्या और बिहार के नालंदा का रहने वाला कृष्णा कुमार शामिल है। एक अन्य शूटर बिहार के नालंदा निवासी दिनेश कुमार अभी फरार है। इससे पहले इस मामले में निकु, सुधीर, विकास, जय सिंह, राहुल गोप और एक नाबालिग को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

थानेदार किए जा चुके लाइन हाजिर

बीनू गोप को नहीं पकड़ पाने की वजह से एयरपोर्ट थानेदार रमेश गिरि को हटा दिया गया था। इस हत्याकांड के बाद एसएसपी ने हटिया एएसपी से पूरी जांच रिपोर्ट मांगी थी। जांच में तथ्य आए थे कि धर्मदेव साहू और उसकी हत्या का मुख्या आरोपित भाजपा नेता बीनू गोप के बीच एक 2.17 एकड़ जमीन पर कब्जा को लेकर विवाद चल रहा था। विवाद की वजह से दोनों ने पूर्व में एक दूसरे पर कई एफआइआर भी दर्ज करवाए। इसबीच बीनू गोप जेल चला गया। जेल से छूटने के बाद बदला में हत्या करवाने की पूरी संभावना थी। इसके बावजूद एयरपोर्ट थानेदार द्वारा बीनू गोप पर नजर नहीं रखा गया। जबकि पूर्व में सभी थानेदाराें को जेल से छूटे अपराधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया था। इस तरह की लापरवाही और क्राइम कंट्रोल में फेल रहने की वजह से एयरपोर्ट थानेदार रमेश गिरि को हटा दिया गया।

30 अप्रैल को ताबड़तोड़ गोली मारकर की गई थी हत्या

इस मामले में धर्मदेव देव की पत्नी फुलटूसी देवी की ओर से एफआइआर दर्ज कराई गई थी। जिसमें बताया गया है कि धर्मदेव का गांव के ही भाजपा नेता वीनू गोप उर्फ विनोद गोप से विवाद चल रहा था। उसने ही योजनाबद्ध तरीके से अपने चालक निकू गुप्ता और गोलू उर्फ शुभम गोप व अन्य अपराधियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया है। फुलटूसी देवी के अनुसार धर्मदेव ने पहले ही अंदेशा जताते हुए बताया था कि वीनू उसकी हत्या करना चाहता है। इसके लिए सुपारी भी दे चुका है। इधर हाल में जेल से छूटने के बाद से ही पीछे पड़ा हुआ था। बीते 30 अप्रैल को गब्बर की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या करने के बाद सिर और चेहरे पर पत्थर से कूच दिया गया था।

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